बिहार में कोरोना ने शुक्रवार को अपना दूसरा शिकार किया। वैशाली के एक युवक की मौत कोरोना संक्रमण के कारण हो गई। चिंताजनक बात यह है कि उसके संक्रमण के स्रोत का पता नहीं चल सका है। एक और चिंता की बात यह है कि मौत के पहले तीन सप्ताह से अधिक तक वह वैशाली से लेकर पटना तक संक्रमण लेकर घूमता रहा। अब उसके संपर्क में आए सैकड़ों लोगों की पहचान स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी चुनौती है।
अनजाने में ही कोरोना बम बना रहा युवक
विदित हो कि वैशाली के राघोपुर के जिस 35 वर्षीय युवक की कोरोना जांच रिपोर्ट बुधवार देर रात पॉजिटिव आई, उसकी शुक्रवार को पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में इलाज के दौरान मौत हो गई। उसका अंतिम संस्कार पूरी सुरक्षा के साथ पटना के बांस घाट पर किया गया, लेकिन मौत के पहले इलाज के दौरान वह अनजाने में ही कोरोना बम बना घूमता रहा। इस दौरान केवल पटना में ही उसके संपर्क में सौ से अधिक लोग आए। वैशाली में अभी तक उसके आठ स्वजनों सहित 63 लोगों की पहचान हो चुकी है। पटना के अलावा उसके संपर्क में आए समस्तीपुर के भी तीन दर्जन लोगों की पहचान की गई है।
संपर्क में आए लोगों की पहचान व जांच शुरू
कोरोना पॉजिटिव मृतक के संपर्क में आए लोगों की पहचान कर उन्हें क्वारंटाइन करने तथा जांच की प्रक्रिया जारी है। पटना के सिविल सर्जन डॉ. राजकिशोर चौधरी ने बताया कि सेंट्रल अस्पताल खुसरूपुर के 13, राजेंद्रनगर स्थित मैक्स लाइफ जांच केंद्र के 16 और न्यू बाईपास में मीठापुर बस स्टैंड के पास पॉपुलर अस्पताल के 50 लोगों को होटल पाटलिपुत्र अशोक में क्वारंटाइन करते हुए उनके सैंपल लिए जा चुके हैं। इसके अलावा पॉपुलर अस्पताल में भर्ती छह मरीजों काे भी वहीं क्वारंटाइन कर उनके सैंपल लिए गए हैं। उधर, वैशाली के राघेपुर में मृतक के संपर्क में आए आठ स्वजनों सहित 63 लोगों का सैंपल लेकर उन्हें क्वारंटाइन किया गया है। इलाज के दौरान उक्त अस्पतालों व जांच केंद्रों में मृत युवक का संपर्क हुआ था।
Source: Jagran
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