संकट काल में बेपटरी हुई कारोबार की गाड़ी को सिर्फ 50 रुपये के खर्च पर एक युवक ने पटरी पर ला दिखाया है। उसकी यह कहानी हालात के आगे हार न मानने की प्रेरणा दे रही है। जहां एक तरफ लॉकडाउन ने देश में लाखों कारोबारियों के सामने तरह-तरह की समस्याएं खड़ी की हैं, वहीं इस युवक की जुगत को देखकर लोग कह रहे-भई वाह। दूधवाला हो तो एेसा…
गोपालगंज के युवक प्रदीप की कही यह बात कि हार मानकर बैठने से कुछ नहीं होगा, उम्मीद जगाती है। प्रदीप ने बताया, मेरे पास कोई दूसरा उपाय नहीं था, उपाय खोजा तो बात बन गई।
गोपालगंज में दूध बेचते हैं प्रदीप
प्रदीप कुमार सिंह बिहार के गोपालगंज में दूध बेचते हैं। कोरोना संRमण के पहले सप्लाई थी रोजाना 100 लीटर। लॉकडाउन से छोटे होटल और मिठाई की दुकानों में दूध की सप्लाई बंद हो गई। डरे-सहमे आम लोगों ने भी ग्वालों से दूध खरीदना लगभग बंद कर दिया। प्रदीप का कारोबार ठप पड़ने लगा। बिक्री घटकर 30 लीटर हो गई। उसके लिए भी चिरौरी करनी पड़ती थी। दाम घटाना पड़ा।
उसने बताया कि ये सिर्फ प्रदीप का यह हाल नहीं था। कोरोना संक्रमण के पहले गोपालगंज जिले में प्रतिदिन 85 हजार लीटर दूध की खपत होती है। कोरोना आया तो दूध की खपत प्रतिदिन 85 हजार लीटर से घटकर 20 हजार लीटर पर पहुंच गई। सदर प्रखंड के ख्वाजेपुर गांव निवासी प्रदीप कुमार सिंह चिंतित थे।
बाइक पर ही लगा ली पानी की बोतल-टोंटी
टीवी पर देख रहे थे कि साबुन से हाथ धोने और सैनिटाइजर के प्रयोग से संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है। सोचा कि लोगों के मन में बैठे डर को कम करने के लिए कुछ करना होगा। तय किया कि साबुन-पानी और सैनिटाइजर भी साथ लेकर चलेंगे, सामने ही हाथ धोएंगे और ग्राहक के भी हाथ धुलवाएंगे। शायद इससे लोगों का डर कम हो जाए..। फिर क्या था, बाइक पर ही पानी की बड़ी बोतल-टोंटी, साबुन और सैनिटाइजर की बोतल लगाई और चल पड़े दूध बेचने।
सैनिटाइजर के प्रयोग से लोगों में कम हो गया डर
प्रदीप ने अपनी मोटरसाइकिल के पिछले हिस्से पर लोहे का एक बॉक्स लगाया है जिस पर यह सारी चीजें फिट की हैं। इसे बनाने में कुल 50 रुपये का खर्च आया। बताते हैं, पानी-साबुन-सैनिटाइजर रखकर दूध पहुंचाने के लिए पुराने ग्राहकों के पास जाने लगे। उनके सामने अपने हाथ धोए, सैनिटाइजर लगाया और उनसे भी आग्रह किया कि हाथ धोकर और सैनिटाइजर लगाकर ही दूध लें। लोगों का डर मिटा और वे दूध लेने को तैयार हो गए। 30 लीटर की सप्लाई बढ़कर 100 लीटर हो गई है।
Source: Jagran
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