मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के संबंधों के बीच क्या दरार पड़ गई है? आरसीपी सिंह जेडीयू में हैं या नहीं? पटना में आरसीपी का बंगला क्यों खाली कराया गया? मीडिया द्वारा ऐसे तमाम सवालों का आरसीपी सिंह ने घुमा फिरा कर जवाब दिया है।
रविवार को एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जमुई पहुंचे आरसीपी सिंह से जब पूछा गया कि आप नीतीश कुमार के काफी करीबी माने जाते रहे हैं। जैसे चिराग पासवान पीएम मोदी के हनुमान कहे जाते हैं, ठीक वैसे ही आपको भी कहा जाता है। इस सवाल पर आरसीपी सिंह ने कहा कि मैं किसी का हनुमान नहीं, मेरा नाम रामचंद्र है, सुधार लीजिए इसको।
एक पत्रकार से तो आरसीपी सिंह ने यहां तक कह दिया कि ये जो सवाल आप हमसे पूछ रहे हैं, इस तरह के सवाल पूछने के लिए जिसने भी भेजा है, उसी से जवाब भी जाकर ले लीजिए। जब आरसीपी सिंह से पूछा गया कि आप जेडीयू में पार्टी के आधार माने जाते हैं। इस पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैं किसी संगठन का आधार नहीं। मैं सिर्फ साधारण आदमी हूं।
गौरतलब है कि जेडीयू कोटे से नरेंद्र मोदी सरकार में स्टील मंत्री आरसीपी सिंह का राज्यसभा टर्म 7 जुलाई को पूरा हो रहा है। मंत्री बने रहने के लिए उनको छह महीने के अंदर लोकसभा या राज्यसभा का सदस्य बनना होगा जिसकी संभावना बहुत कम है। ऐसे में जेडीयू के इकलौते केंद्रीय मंत्री को इस्तीफा देना पड़ सकता है। आरसीपी गए तो उनकी जगह कौन का सवाल पैदा होगा जिसका जवाब ललन सिंह हैं।
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