राज्य सरकार ने कोरोना पर जीत हासिल करने के लिए इस महामारी की चपेट में आए इलाकों में डोर टू डोर स्कैनिंग का काम शुरू हो गया है। पहले चरण में राज्य के चार कोरोना प्रभावित जिले सिवान, बेगूसराय, नवादा और नालंदा में स्कैनिंग आरंभ की गई है। दूसरे चरण में पटना समेत शेष 7 जिलों में यह काम होगा। स्वास्थ्य विभाग ने अभियान की महत्ता को देखते हुए पारामेडिक्स स्टाफ, नगर पालिका और पुलिस की टीम गठित कर दी है। दो चरणों के अभियान में करीब चार लाख से अधिक घरों की स्कैनिंग की जाएगी। इस काम में कुल 2700 लोगों को कई टीमों में लगाया गया है। बता दें कि बिहार में गुरुवार तक कुल कोरोना मरीजों की संख्या 74 हो गई है। गुरुवार को बक्सर में भी कोरोना की एंट्री हो गई, जबकि बुधवार को वैशाली में कोरोना ने दस्तक दे दी थी।
कोरोना मरीजों की पहचान के लिए शुरू किए गए इस अभियान के तहत पारामेडिक्स स्टाफ, नगर पालिका और पुलिस की टीम गुरुवार से घर-घर जाने लगी है। घर के मुखिया को एक प्रिंटेड फॉर्म दिया जा रहा है। इसमें परिवार के मुखिया को लिखित जानकारी देनी है कि उनके घर में कितने सदस्य हैं। कोई सदस्य पिछले एक महीने में विदेश से या कहीं अन्य जगह से तो नहीं आया है। घर के किसी सदस्य को सर्दी, खांसी, बुखार या सांस लेने में समस्या तो नहीं। परिवार के सदस्यों की आयु कितनी है। गांव, मोहल्ला, थाना जैसी जानकारी भी शामिल की गई हैं।
इसके साथ फॉर्म में एक कॉलम में कहा गया है कि यदि परिवार के किसी सदस्य को ऊपर दी गई कोई बीमारी होती है तो परिवार के सदस्य यह जानकारी आने जिले के सिविल सर्जन नियंत्रण कक्ष और जिला नियंत्रण कक्ष को तत्काल देंगे। फॉर्म में जिला का फोन नंबर दिया हुआ है। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार के अनुसार, कोरोना के फैलाव को रोकने और इसे पूरी तरह समाप्त करने के लिए यह अभियान शुरू किया गया है। राज्य के लोगों का दायित्व है कि वे सरकार को मदद करें, ताकि कोरोना महामारी को जड़ से समाप्त किया जा सके।
किन-किन जिलों में मिल सकती है छूट –
आरा (भोजपुर)
कैमूर
रोहतास
औरंगाबाद
अरवल
जहानाबाद
शेखपुरा
जमुई
बांका
पूर्वी चंपारण (मोतिहारी)
पश्चिमी चंपारण (बेतिया)
शिवहर
सीतामढ़ी
मधुबनी
सुपौल
अररिया
किशनगंज
पूर्णिया
मधेपुरा
कटिहार
सहरसा
खगड़िया
दरभंगा
समस्तीपुर
मुजफ्फरपुर
लॉकडाउन में 21 अप्रैल से छूट को लेकर सरकार की ओर से कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है. हालांकि यह कयास लगाए जा रहे हैं कि अब तक ग्रीन जोन वाले इन इलाकों में लोगों को राहत दी जाएगी. प्रधानमंत्री की ओर से यह बात भी कही गई थी कि अगर हालात नियंत्रण में नहीं रहे तो सरकार अपना फैसला वापस भी ले सकती है. वहीं बिहार की बात करें तो अभी भी कुछ ऐसे जिले हैं, जहां एक भी केस एक्टिव नहीं है. जिसमें भागलपुर, लखीसराय और सारण शामिल हैं. इन जिलों से मरीज मिले थे, हालांकि सभी लोग ठीक होकर अपने घर चले गए हैं.
Source: Jagran
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