मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल को खोले जाने से पहले जांच करने वाली टीम को पटना तलब किया गया। प्रभारी सीएस समेत चिकित्सक टीम ने जाकर अपना पक्ष रखा। जानकारी के अनुसार, पटना स्थित अतिविशिष्ट नेत्र विज्ञान केंद्र में सबसे पूछताछ की गई। दोबारा आई हास्पिटल खोलने के बारे में उनकी राय ली गई।
जानकारी के अनुसार प्रभारी सिविल सर्जन, डा. सुभाष कुमार, डा. हसीब असगर, डा. नीतू कुमारी से नेत्र विज्ञान केंद्र के निदेशक ने बात की। निदेशक ने जानकारी ली कि जब जांच की तो उसमें ओटी में क्या क्या खामियां दिखीं, ओटी में जहां जीवाणु मिले थे, वह कहां कहां थे। ओटी को सैनिटाइज किया जा रहा था या नहीं। जांच टीम से यह भी जानकारी ली गई कि जिस वक्त टीम जांच करने पहुंची थी, उस वक्त अस्पताल की स्थिति, ओटी, चिकित्सक की संख्या, पारामेडिकल स्टाफ व उपकरणों की हालत कैसी थी।
इसके साथ ही उस समय वहां जितने लोगों की आंखों का ऑपरेशन हुुआ था उनकी हालत किस तरह की रही। जांच टीम के अधिकारियों ने कहा कि निदेशक ने जो जानकारी मांगी उसको उपलब्ध कराया गया। साथ ही मुख्यालय से जो आदेश आएगा उसका पालन किया जाएगा।
मालूम हो कि बीते साल 22 नवंबर को 65 मरीजों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन हुआ था। इनमें 25 मरीजों की आंखों में संक्रमण हुआ, जिसके बाद अस्पताल को सील कर दिया गया था। उधर, सांसद अजय निषाद ने जिला प्रशासन से मानवता के आधार पर हास्पिटल खोलने की पहल जिला प्रशासन से की है। संक्रमण के कारण जिन लोगों की आंख की रोशनी गई उनको राज्य सरकार की ओर से मुआवजा दिया गया है।
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