मुजफ्फरपुर जिले के लीची किसानों के लिए अच्छी खबर है। सहकारिता विभाग ने लीची को बाजार देने की योजना तैयार की है। इसके लिए पैक्सों और व्यापार मंडलों में लीची प्रोसेसिंग यूनिट लगायी जाएगी। जिला सहकारिता पदाधिकारी ने बताया कि प्रोसेसिंग यूनिट से लीची के पल्प, जूस सहित अन्य उत्पादों को बनाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। जिससे यहां के लोगों के लिए रोजगार का सृजन होगा।
साथ ही लीची के किसानों को आर्थिक रूप से भी फायदा पहुंचेगा। प्रोसेसिंग यूनिट सहित अन्य योजनाओं के लिए सरकार पैक्सों व व्यापार मंडलों को अनुदान भी देगी। जिला सहकारिता कार्यालय से इसका ब्लूप्रिंट तैयार कर विभाग के राज्य अनुश्रवण पदाधिकारी को प्रस्ताव भेजा गया है। संभावना है कि अगले माह मई में इसकी स्वीकृति मिल जाएगी।
जिला सहकारिता कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, जिले में समेकित सहकारी विकास परियोजना लागू होगी। इसके तहत पैक्सों व व्यापार मंडलों को कई तरह की सुविधाएं दी जाएंगी। इसमें लीची प्रोसेसिंग यूनिट, पांच सौ और एक हजार एमटी क्षमता वाला गोदाम बना सकेंगे। इसके अलावा कंपोजिट यूनिट भी बनाए जाएंगे। जिसमें मसाला, गेहूं पिसाई, तेल पेड़ाई सहित अन्य कार्य हो सकेंगे।
समेकित सहकारी विकास परियोजना के तहत मत्स्यजीवि सहयोग समितियों को भी फायदा पहुंचेगी। जिला सहकारिता पदाधिकारी ने बताया कि इसके लिए समितियों को तालाब, पोखर निर्माण, नाव, जाल, बर्त्तन, साइकिल आदि की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए उन्हें अनुदान भी दिया जाएगा। जिससे उन्हें फायदा होगा।
जिला सहकारिता पदाधिकारी ने बताया कि ये सभी तरह की सुविधाओं के लिए कुछ शर्तें भी है। समितियां डिफॉल्टर नहीं होनी चाहिए। जमीन की उपलब्धता होनी चाहिए। ऑडिट अपडेट होना चाहिए। वैसी समितियां जहां पर चुनाव संपन्न हो चुका हो। समिति में किसी तरह का विवाद नहीं होना चाहिए।
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