बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार को इफ्तार पार्टी के लिए पूर्व सीएम राबड़ी देवी के घर पर पहुंचे थे। इसके बाद पटना के सियासी इलाकों में तरह-तरह की चर्चाएं होने लगी। उनके भाजपा छोड़ फिर से महागठबंधन में शामिल होने के साथ-साथ बीजेपी पर दबाव बनाने जैसी चर्चाएं होने लगी। हालांकि, नीतीश कुमार ने तमात अटकलों पर खुद विराम लगा दिया। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री पांच साल के बाद लालू यादव के घर पहुंचे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा, “ऐसी इफ्तार पार्टियों में बहुत से लोगों को आमंत्रित किया जाता है। इसका राजनीति से क्या संबंध है? हम भी एक इफ्तार पार्टी रखते हैं और सभी को इसमें आमंत्रित करते हैं।”
आपको बता दें कि कल नीतीश कुमार अपने सरकारी आवास से राबड़ी देवी के घर पैदल ही पहुंच गए थे। यहां उन्होंने राबड़ी देवी, उनके बेटों तेजस्वी और तेज प्रताप यादव के साथ जश्न में शिरकत किया। वह यहां लगभग 20 मिनट तक रहे। इससे कुछ ही देर पहले झारखंड हाईकोर्ट ने भ्र’ष्टाचार के एक मामले में लालू यादव को जमानत दे दिया था।
लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव से जब इस आयोजन के राजनीतिक संबंधों पर चर्चा की गई तो उनका कुछ और ही कहना था। उन्होंने कहा, “यह राजनीति है। अटकलें लगना सामन्य बात है। आज वह सत्ता में है, कल बदलाव हो सकता है। पहले मैंने ‘नो एंट्री’ बोर्ड लगाया था। लेकिन अब इसे ‘एंट्री – नीतीश चाचा जी’ से बदल दिया गया है। अब वह आ गए हैं।” तेजप्रताप यादव ने बिहार में सरकार बनाने का भी दावा किया। उन्होंने कहा, “हम सरकार बनाएंगे और खेल खुल जाएगा। यह एक रहस्य है। नीतीश जी के साथ गुप्त बातचीत हुई।”
हालांकि, लालू यादव के परिवार ने जोर देकर कहा कि आमंत्रित लोगों में भाजपा के शहनावान हुसैन और लोजपा के चिराग पासवान भी शामिल हैं। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी ने शुक्रवार को कहा, “हमने सभी लोगों को निमंत्रण दिया है, चाहे वह भाजपा, जदयू या लोजपा से हो और यह एक परंपरा रही है कि हर कोई इफ्तार पार्टी में भाग लेता है।”
राबड़ी देवी के घर इफ़्तार दावत में शिरकत करने के बाद बिहार सरकार में मंत्री शाहनवाज़ हुसैन ने कहा, ”मैंने और सुशील मोदी जी ने इफ़्तार दिया था,वहां भी नीतीश कुमार आए थे। यहां तेजस्वी यादव ने इफ़्तार दिया है। हमें भी बुलाया गया था, हम आ गए। इसमें कोई राजनीतिक मामला निकालने की जरूरत नहीं है।”
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