बिहार : अब कैमूर के ट्रांसजेंडर भी उद्यमी बन सकते हैं। उद्योग स्थापित करने के लिए राज्य सरकार उन्हें 10 लाख रुपए का ऋण दे सकती है। ऋण के रूप में मिले पैसों में 50 फीसदी सब्सिडी यानी छूट है। यह लाभ मुख्यमंत्री उद्यमी योजना से मिलेगा।
इस योजना के तहत 101 प्रकार का रोजगार स्थापित करने का प्रावधान है। इनमें से कोई एक रोजगार ट्रांसजेंडर कर सकते हैं। इस योजना का लाभ लेने के लिए इंटर पास होना जरूरी है। इसकी पुष्टि जिला उद्योग केंद्र की महाप्रबंधक किरण श्रीवास्तव ने की है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना शुरू हुई थी। तब इस योजना का लाभ एससी-एसटी को दिया जाता था। बाद में इस योजना से अतिपिछड़ा वर्ग को जोड़ दिया गया। लेकिन, वर्ष 2021 से यह योजना सभी वर्ग के लिए लागू कर दी गई। उन्होंने बताया कि इस योजना से मिलने वाली सब्सिडी की राशि 84 किस्त में उद्योग स्थापित करने के एक वर्ष के बाद से चुकाना है। ओबीसी व युवा के लिए एक प्रतिशत ब्याज है। अन्य किसी वर्ग को ब्याज नहीं देना है।
जिला उद्योग केंद्र की महाप्रबंधक ने बताया कि इस योजना के तहत एससी-एसटी वर्ग के 355 लोगों का चयन किया गया था। लेकिन, कुछ लोग काम नहीं किए तो प्रथम किस्त के बाद रिजेक्ट कर दिया गया। जिले के 295 लोगों ने दूसरी और 235 लोगों ने तीसरी किस्त की राशि प्राप्त की है। जिले के 60 ऐसे लोग हैं, जो उद्योग स्थापित कर मुनाफा कमाकर कर्ज की राशि भी चुकता कर रहे हैं। इस योजना का लाभ थर्ड जेंडर भी लेकर स्वरोजगार कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना को राज्य के कमजोर वर्ग के लोगों के लिए शुरू किया गया है। इस योजना को आरंभ करने का मुख्य मकसद बेरोजगारी की दरों में कमी लाना है। मोना, हीना, शौकत, नयना, पूजा, सोनी, सपना, बसंती, शिवानी, रानी आदि ऐसी हैं, जो पढ़ी-लिखी हैं। इनका कहना है कि जिस तरह सरकार महिलाओं को स्वरोजगार मुहैया करा रही है, उसी तरह हमें भी आत्मनिर्भर बनाए। आरक्षण मिले तो हम भी आगे बढ़ सकते हैं।
Be First to Comment