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कल से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत, इस बार घोड़े पर सवार होकर आएंगी माता भगवती, जानें महत्व

चैत्र नवरात्रि चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है। इस साल 2 अप्रैल (शनिवार) से नवरात्रि की शुरुआत हो रही है, जो पूरे नौ दिनों तक चलेगी। नौ दिनों में विशेष योग बनेंगे। मां भगवती की साधना के लिए उत्तम चैत्र नवरात्र दो अप्रैल से शुरू होंगे. घट स्थापना सुबह 6:10 से 11:28 बजे तक अति शुभ रहेगा। प्रथम दिन शैलपुत्री का पूजन होगा। प्रतिपदा को शनिवार होने से पूरा साल सर्वश्रेष्ठ होगा।

तबाही का संकेत दे रही हैं चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के आगमन-प्रस्‍थान  की सवारी! जानें वजह | Chaitra Navratri 2022 Maa durga aagman prasthan  sawari and effect on life | Hindi

इस बार नवरात्रि में मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आयेंगी। वहीं मां दुर्गा की विदाई भैंस पर होगी। जब मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आती हैं तो युद्ध और विभीषिका जैसे हालात बनते हैं। वहीं मां दुर्गा भैंसे की सवारी से प्रस्थान करती हैं, तो देश में रो’ग ,क’ष्ट , प्रकृति प्रको’प का प्रभाव बढ़ता है।

Chaitra Navratri shubh muhurat 2022: goddess durga happy with the kalash  sthapana know shubh muhurat of kalash sthapana - Astrology in Hindi - Chaitra  Navratri shubh muhurat 2022: कलश स्थापना से मां

वहीं जब मां दुर्गा जब हाथी पर सवार होकर आती हैं तो ज्यादा पानी बरसता है। नौका पर सवार होकर माता रानी आती हैं तो शुभ फलदायी होता है। अगर मां डोली पर सवार होकर आती हैं तो महा’मारी का अंदेशा होता है।

Chaitra Navratri 2022: When is Chaitra Navratri starting, know how to  establish Kalash? Chaitra Navratri 2022: कब से शुरू हो रही है चैत्र नवरात्रि,  जानिए कैसे करें कलश स्थापना? - India TV Hindi News

इसी तरह मां दुर्गा मुर्गे पर सवार होकर जाती हैं तो जनता में दु’ख और क’ष्ट बढ़ता है। हाथी पर सवार होकर प्रस्थान करने से बारिश ज्यादा होती है। मां दुर्गा अगर मनुष्य की सवारी करके जाती हैं तो सुख-शांति बनी रहती है। बता दें, चैत्र नवरात्रि से हिन्दु नववर्ष की शुरुआत होने जा रही है। पंडित के अनुसार इस साल के राजा शनि होंगे जो इस साल बारिश के योग बनाएंगे। साथ ही उत्पाद भी मचाएंगे। जब शनि वर्ष के राजा होते हैं तो इस तरह की स्थिति बनती हैं। जबकि मंत्री गुरु होने से वे उनकी अच्छी सलाह काम आएंगी। इस दौरान धार्मिक कार्य बढेंगे।
इस साल की खास बातों में सबसे अधिक महत्वूपूर्ण बात ये होने वाली है कि इस साल राम नवमीं पुष्य नक्षत्र में आएगी।  कहते हैं भगवान श्रीराम के लिए ये बेहद खास रहने वाली है। ऐसी मान्यता है कि भगवान श्रीराम अधिकतर पुष्य नक्षत्र में ही बाहर निकलते थे। कहते है इसका महत्व श्रीराम की नगरी ओरछा ​के लिए बेहद खास होने वाला है। 

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