बिहार दिवस को बिहार स्थापना दिवस के रूप में भी जाना जाता है और हर साल 22 मार्च को बिहार राज्य की स्थापना के उपलक्ष्य में बिहार दिवस मनाया जाता है। बिहार स्थापना दिवस की 110वीं वर्षगांठ पर बिहार के रहने वाले कलाकारों ने बताया कि उन्हें अपने प्रदेश पर कितना गर्व है और साथ ही इस खास दिन को एकसाथ मनाते हुए शुभकामनायें दीं।
इन कलाकारों में शामिल हैं: ‘बाल शिव‘ में नंदी की भूमिका निभा रहे दानिश अख्तर और ‘भाभीजी घर पर हैं‘ में पटना के रहने वाले ‘अनोखे लाल सक्सेना’ का किरदार अदा कर रहे ‘सानंद वर्मा’।
पटना के रहने वाले सानंद वर्मा ने कहा कि मुझे बिहारी होने पर गर्व है और आज मैं जो कुछ भी हूं, वह मेरे दोस्तों, परिवार वालों एवं प्रशंसकों के साथ के बिना संभव नहीं था। बिहार को कई चीजें दिलचस्प बनाती हैं। सबसे पहले तो बिहार शब्द की उत्पत्ति संस्कृत और पाली के शब्द विहार से हुई है, जिसका अर्थ है आवास या घर। सबसे दिलचस्प बात यह है कि मानवता के इतिहास की एक सबसे महत्वपूर्ण अवधारणा अहिंसा की उत्पत्ति बिहार में हुई है।बिहार के पास दुनिया को देने के लिये बहुत कुछ है, फिर चाहे सांस्कृतिक विरासत हो, ऐतिहासिक स्थल, कला, संगीत और वास्तुशिल्प हो या फिर समृद्ध इतिहास। इसके साथ ही यहां के मुंह में पानी भर देने वाले व्यंजनों को भी नहीं भूलना चाहिये। उन्होंने कहा कि इस राज्य को भगवान बुद्ध और भगवान महावीर की कर्मभूमि भी माना जाता है। गुरू गोविंद सिंह का जन्मस्थल भी यही है। इतना ही नहीं मिथिला की मधुबनी पेंटिंग दुनिया भर में मशहूर है और साथ ही हिन्दुस्तानी क्लासिकल की टप्पा और ठुमरी शैलियां भी बिहार की ही देन हैं। यदि पारंपरिक भोजन की बात करें, तो लिट्टी-चोखा यहां का स्थानीय व्यंजन है और सत्तू या परवल की मिठाई के अलावा भी बिहार में कई देसी एवं स्वादिष्ट व्यंजन खाये एवं पकाये जाते हैं। इनमें चना घुघनी, दाल पीठा, खजूरिया, कढ़ी बड़ी और सत्तू शर्बत शामिल हैं। मेरी कामना है कि हमारा राज्य ऐसे ही विकास की नई बुलंदियों को छूता रहे।
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