आधार कार्ड इस समय सबसे अहम डॉक्यूमेंट हो गया है। आधार हर किसी के लिए जरूरी हो गए है फिर चाहे वो बच्चा हो या बुजुर्ग। आधार कार्ड केवल एक पहचान पत्र नहीं है, बल्कि इसके जरिए आप कई तरह की सरकारी योजनाओं का भी लाभ उठा सकते हैं।
बता दें कि भारत में छोटे बच्चों के लिए भी आधार कार्ड बनवाना जरूरी हो गया है। तो अगर आपने अब तक आधार कार्ड नहीं बनवाया है तो अब बनवा लें वरना आप और आपका बच्चा फं’स जाएंगे कई मुश्किलों में। आइए बताते हैं कि बच्चों के आधार बनाने के क्या फायदे हैं और इसके लिए कौन से दस्तावेज की जरुरत है।बालिग होने तक बच्चों का न तो ड्राइविंग लाइसेंस बन सकता है और न ही मतदाता पहचान पत्र। ऐसी परिस्थिति में बच्चों की पहचान का एक ही दस्तावेज होता है और वो है आधार कार्ड। अगर आपने बच्चे का आधार कार्ड बनवा लिया है तो ये सरकारी संस्थानों में तो आपके काम आएगा ही, निजी संस्थान भी बच्चे की पहचान के मामले में इसे मानने से इनकार नहीं कर सकते। बच्चों के बचत खातों के लिए भी आधार जरूरी है। इसके साथ ही बच्चे के एडमिशन के लिए भी आधार जरूरी है।
बच्चों के आधार कार्ड के मामले में जरूरी कागजातों की दो श्रेणी बनाई गई हैं। पहली श्रेणी में 5 साल से कम उम्र के बच्चों को रखा गया है जबकि दूसरी श्रेणी में 5 से 15 साल तक के बच्चों का आधार कार्ड बनाया जाएगा। 5 साल से कम उम्र के बच्चे का आधार बच्चे का बर्थ सर्टीफिकेट, हॉस्पिटल की ओर से जारी किया गया डिस्चार्ज कार्ड या पर्ची से बन जाता है।
माता या पिता में से किसी एक अभिभावक का आधार कार्ड चाहिए होता है जब भी बच्चे का आधार बनवाने जाएं तो दस्तावेज की ऑरिजनल कॉपी भी साथ लेकर जाएं। अगर आप बच्चा 5 से 15 साल के बीच का है तो बर्थ सर्टिफिकेट। बच्चे के नाम पर कोई भी आईडी कार्ड जैसे स्कूल आईडी कार्ड। स्कूल के आईडी कार्ड के अलावा स्थायी पता का प्रमाण पत्र भी जरूरी है। माता पिता का आधार होना जरूरी है। इसके बाद बच्चे का पासपोर्ट साइज फोटो होना चाहिए।
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