मुजफ्फरपुर: शहर में जाम की समस्या का आए दिन लोगों को सामना करना पड़ता हैं। वाहनों से शहर में निकलना भी अब आसान नहीं रह गया हैं। जगह-जगह जाम लगे रहने से गाड़ियां रेंगती हुई चलती है।जिससे पेट्रोल की खपत ज्यादा होती हैं इसपर किसी का ध्यान ही नहीं जाता।
ऑटो एक्सपर्ट द्वारा इस बात पर ध्यान दिया गया हैं जिसने बताया कि जाम की वजह से करीब-करीब 20-25 प्रतिशत तेल यूं ही जल जाता है। इससे गाड़ियों की लाइफ भी कम हो रही है और प्रदूषण से पर्यावरण को खतरा भी पहुंच रहा है।जाम की परिस्थिति जीरोमाईल, टावर, कंपनी बाग, स्टेशन रोड, कल्याणी, मड़ीपुर पल पर आदि अन्य जगहों पर बनी रहती हैं।जिसपर एक ऑटोमोबाइल इंजीनियर ने बताया कि जाम में क्लच और गियर का अधिक उपयोग होता है। जितनी बार यह दबेगा, तेल उतना अधिक कार्बेटर में जाएगा। कार्बेटर में अधिक तेल जाने पर वह तेजी से जलता है और धुआं निकलता है। मुजफ्फरपुर के शहरी इलाकों में जाम के चलते एक वाहन चालक को कम से 250 बार क्लच-गियर दबाना पड़ता है। ऐसे में कम से कम 20-30 प्रतिशत तेल जाम में जलना स्वाभाविक है।ऑटोमोबाइल इंजीनियर द्वारा बताया गया कि जाम की वजह से नॉर्मल माइलेज घटकर 60-70 प्रतिशत आ जाता है। यानी गाड़ी सही कंडीशन में भी रहे तो 30 से 40 फीसदी तेल जाम में जल जाता है। इससे गाड़ियों की लाइफ भी कम हो जाती है। बड़ी गाड़ियों की सर्विसिंग दो से तीन माह में जरूरी हो जाती है। एक दिन में कम से कम एक लाख वाहनों की आवाजाही शहर में होती है। एक लीटर में यदि औसत 20 प्रतिशत तेल जाम में फंसने की वजह से जलता है तो हमारी जेब से 20 रुपये रोज बर्बाद हो रहे हैं। यानी 20 लाख रुपये रोज जाम में जल रहा है। मंथली बात करें तो 6 करोड़ और सालाना 72 करोड़ रुपये की बर्बादी सिर्फ जाम की वजह से हो रहा है।
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