कोरोना वायरस के संकट से आर्थिक मोर्चे पर उपजी चुनौतियों का सामना करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने आज बड़े एलान किए. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में एलान किया कि रेपो रेट में 0.75 फीसदी की कटौती की गई है और ये 5.15 फीसदी से घटाकर 4.40 फीसदी कर दी गई है.
All commercial banks permitted to allow a 3-month moratorium on repayment of term loan EMIs: Reserve Bank Governor Shakitkanta Das#RBI#economy #COVID19 pic.twitter.com/aNnKK19oth
— Business Standard (@bsindia) March 27, 2020
बता दें कि रेपो रेट वो है जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है लिहाजा रेपो रेट कम होने से बैंकों की लोन की लागत कम होगी और इससे लोन लेने वालों की ईएमआई सस्ती होने की पूरी उम्मीद है.
रिवर्स रेपो रेट में भी 0.90 फीसदी की कटौती
इसके अलावा आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट में भी 0.90 फीसदी की कटौती की है और अब ये 4.90 फीसदी से घटकर 4 फीसदी हो जाएगी.
कैश रिजर्व रेश्यो 1 फीसदी तक घटाया-बैंकों के पास रहेगी ज्यादा रकम
इसके अलावा आरबीआई ने सभी बैंकों का कैश रिजर्व रेश्यो भी पूरे 1 फीसदी यानी 100 बेसिस पॉइंट घटाकर 3 फीसदी कर दिया है. अब ये पूरे एक साल के लिए 4 फीसदी की बजाए 3 फीसदी होगा. कैश रिजर्व रेश्यो के तहत बैंक अपनी जमा का कुछ प्रतिशत आरबीआई के पास रखते हैं. इसमें कटौती होने से बैंकों के पास 1.37 लाख करोड़ रुपये की रकम बैंकों को मिल पाएगी.
आरबीआई का फोकस आर्थिक स्थिरता पर
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था पर कोरोना महामारी का असर पड़ सकता है और देश के कई सेक्टर इसका निगेटिव प्रभाव झेलेंगे. वैश्विक अर्थव्यवस्था में भी मंदी आ सकती है और इसके चलते आर्थिक स्थिरता प्रभावित हो सकती है.
आरबीआई ने कहा है कि उसका फोकस आर्थिक स्थिरता पर है और विश्व के कई देश कोरोना वायरस की महामारी से लड़ रहे हैं. भारत में लॉकडाउन के चलते आर्थिक गतिविधियां ठप हैं लेकिन आरबीआई का ध्यान लोगों को राहत दिलाने पर है. लिहाजा आरबीआई ने ये बड़े फैसले लिए है.
कल वित्त मंत्री ने किया 1.70 लाख रुपये के पैकेज का एलान
कल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी देश के गरीबों, दिहाड़ी मजदूरों, कंस्ट्रक्शन वर्कर्स, महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यागों के साथ साथ सैलरीड क्लास के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का एलान किया था. कोरोना वायरस के असर से लोगों को बचाने के लिए सरकार ने ये घोषणा की.
3 अप्रैल को आनी थी क्रेडिट पॉलिसी पर पहले की गई
दरअसल रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति यानी एमपीसी की 3 दिनों की 3 दिवसीय बैठक 3 अप्रैल को पूरी होने वाली थी और क्रेडिट पॉलिसी का एलान इस दिन होने वाला था और इसी में आरबीआई से रेपो रेट में कटौती की उम्मीद की जा रही थी. लेकिन शक्तिकांत दास ने बताया कि एमपीसी की बैठक 24 मार्च, 26 मार्च और 27 मार्च को हो गई है और इसमें नीतिगत दरों की कटौती का फैसला लिया गया है.
बता दें कि बजट के बाद अपनी पहली क्रेडिट पॉलिसी में आरबीआई ने नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया था और रेपो रेट 5.15 फीसदी पर ही बरकरार रखा था. इसके साथ ही रिवर्स रेपो रेट भी 4.90 फीसदी पर रहा था. ये मौद्रिक नीति यानी क्रेडिट पॉलिसी 6 फरवरी 2020 को आई थी.
एलानों की उम्मीद से शेयर बाजार में शानदार उछाल
आज आरबीआई की पीसी की खबर से घरेलू बाजार जोरदार तेजी के साथ खुले और खुलने के कुछ मिनटों के भीतर ही सेंसेक्स में 1000 अंकों की तेजी के जरिए 31 हजार का स्तर पार हो गया और निफ्टी ने 9000 का लेवल पार कर लिया था.
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