मुजफ्फरपुर । लाइब्रेरियन्स डे के अवसर पर राजा राममोहन राय लाइब्रेरी फाउंडेशन, संस्कृति मंत्रालय के रिटायर्ड डायरेक्टर जनरल डॉ. प्रेम कुमार जायसवाल एवं प्रसिद्ध शिक्षक एवं लेखक डॉ. एसपी सूद द्वारा डॉ.अमित किशोर द्वारा रचित “पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान के सैद्धांतिक एवं अवधारणात्मक दृष्टिकोण” पुस्तक का लोकार्पण वर्चुअल माध्यम से पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग, बीआरए बिहार विश्विद्यालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में किया गया।
इस कार्यक्रम में बिहार विधानसभा की पुस्तकालय समिति के सभापति विधायक सुदामा प्रसाद, बरुण सरकार, प्रो. मनोज कुमार सिन्हा, डॉ. कौशल किशोर चौधरी, डॉ. दीपक श्रीवास्तव, डॉ. प्रभात पाण्डेय, डॉ.मनीष बाजपाई, डॉ.प्रिया राय, डॉ.आकाश सिंह, संतोष कोरी, गौतम कुमार भारती सहित देश भर के 250 से अधिक पुस्तकालय विज्ञान शिक्षकों, प्रोफेशनलों और छात्रों की गरिमामयी उपस्थिति रही।
यह पुस्तक दो खण्डों में विभाजित है। इसमें पुस्तकालय विज्ञान के सभी नवीन एवं विषयों का सैद्धांतिक पाठ सरल भाषण में प्रमाणिक तथ्यों के साथ प्रस्तुत किया गया है। यह पुस्तक हिंदी माध्यम से पुस्तकालय विज्ञान में नेट एवं अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी हेतु एवं बी. लिब. और एम. लिब. के छात्रों के लिए भी सामान्य रूप से उपयोगी है। लेखक की पिछली कई अमेज़न पर पुस्तक पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान कटेगरी बेस्टसेलर रही है।
डॉ. एसपी सूद ने कहा कि पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विषय में लिखी गई साहित्य के विकास पर गौर करें तो हिन्दी में लिखी गई स्तरीय पुस्तकों की कमी साफ तौर पर झलकती है।
यह पुस्तक ‘पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान के सैद्धांतिक एवं अवधारणात्मक आयाम’ पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विषय में हिन्दी में लिखी गई एक उत्कृष्ट पुस्तक है।
हिन्दी माध्यम से अध्ययन कर रहे लाइब्रेरी एंड इन्फॉर्मेशन साइन्स के छात्रों को पाठ्य सामाग्री संकलन में अत्यंत कठिनाई होती है। यह पुस्तक उनकी समस्यायों का पूर्णत: समाधान करती है।
निश्चित तौर पर यह लाइब्रेरी एंड इन्फॉर्मेशन साइन्स विषय में हिन्दी में लिखी गई स्तरीय पुस्तक है जो लाइब्रेरी एंड इन्फॉर्मेशन साइन्स के छात्रों इछकर/टछकर एवं इस डिग्री के उपरांत होने वाली यूजीसी-नेट, नवोदय विद्यालय, केंद्रीय विद्यालय, आदि जैसे परीक्षा की तैयारी के लिए काफी उपयोगी है।
डॉ. कौशल किशोर चौधरी ने कहा कि यह पुस्तक यूजीसी-नेट, नवोदय विद्यालय, केंद्रीय विद्यालय, आदि जैसे परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को एवं मास्टर ऑफ लाइब्रेरी एंड इन्फॉर्मेशन साइन्स एवं बैचलर ऑफ लाइब्रेरी एंड इन्फॉर्मेशन साइन्स के छात्रों को बिना किसी संदेह के संस्तुति लायक है।
मैं इस पुस्तक के लिए लेखक डॉ. अमित किशोर को बेहतरीन और सफल प्रयास के लिए बधाई देना चाहता हूँ। आशा करता हूँ की यह पुस्तक पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विषय में महत्वपूर्ण संदर्भ और पाठ्य पुस्तक साबित होगी साथ ही पुस्तकालयों में भी अपना स्थान बनाने में सफल रहेगी।
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