मुजफ्फरपुर। जिले की प्रसिद्ध दूध उत्पादक सुधा डेयरी का परिसर इन दिनों झील में तब्दील हो गया है। बावजूद इसके अपने ग्राहकों को सेवा देने में कमी नहीं की है। जलजमाव झेलते हुए अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने अपना उत्पादन जारी रखा है।
डेयरी शहर में भारी जलजमाव के बावजूद विभिन्न सेंटरों पर गाड़ी के द्वारा अपना उत्पाद पहुंचने का काम कर रही है। जलजमाव का मुख्य कारण फोर लेन सड़क है। जलजमाव के निदान के लिए स्थानीय विधायक से लेकर मंत्री तक से पत्राचार करते-करते यहां अधिकारी थक चुके है। बावजूद उनकी कोई नहीं सुन रहा है।
बुधवार रात हुई मूसलाधार बारिश के कारण सदातपुर स्थित तिहुत दुग्ध उत्पादक संघ (तिमूल) मुजफ्फरपुर प्रांगण में चारों ओर जलजमाव हो गया है। यहां की सड़कें और कार्यालय जलमग्न हो चुके हैं। जलजमाव के कारण सुधा डेयरी की प्रांगण की सूरत ही बिगड़ गयी है।
कोई ऐसी जगह खाली नहीं है जहां पानी लगा नहीं हो। बावजूद इसके कर्मचारी अपनी पैंट मोड़कर फैक्ट्री में काम कर रहे हैं। हालांकि, महिला कर्मचारियों को आवागमन में घोर परेशानी हो रही है।
प्रतिदिन की तरह गुरुवार को भी जलजमाव के बावजूद अधिकारियों और कर्मचारियों ने उत्पाद जारी रखा है। ताकि सुधा के ग्राहक को अपनी पसंद का उत्पाद मिल सके।
तिहुत दुग्ध उत्पादक संघ (तिमूल) की सड़के हों या फिर वाहन पड़ाव या साइकिल, बाइक स्टैंड, गोदाम या कैंटिन हर जगह जलजमाव है। प्रांगण में लगभग आधा से एक फीट के बीच जलजमाव बना हुआ है।
सुधा डेयरी प्रांगण से जल निकासी के लिए कोई उपाय भी नहीं है। कहा जाता है कि जब से फोरलेन सड़क बनी है प्रांगण में जलजमाव लगना शुरू हो गया है। फोरलेन सड़क ऊंचा हो गया है।
वहीं तिमूल का स्थान नीचे होने से सड़क का सारा पानी का बहाव तिमूल के अंदर घुस जाता है। प्रांगण पानी से लबालब हो जाता है।
तिमूल संघ के प्रबंध निदेशक एचएन सिंह ने शुक्रवार को संवाददाता को बताया कि जल निकासी के स्थायी निदान के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकार के अध्यक्ष, राज्यस्तरीय पदाधिकारी, मंत्री, अन्य राजनेताओं से अनुरोध करने के बावजूद परिणाम कुछ नहीं हुआ। यहां तक पशु मत्सय विभाग के मंत्री, जिला प्रशासन, कांटी व शहरी विधायक से भी जल निकासी के लिए अवगत कराये। लेकिन उपाय कुछ नहीं हुआ।
सड़क के किनारे पक्का नाला या पाईस नाला का निर्माण कर पानी को फरदो नाला में गिराया जाये तो तब ही जलजमाव की समस्या दूर होगा। उन्होंने कहा कि जमा पानी कुछ दिनों के बाद सड़ने के बाद दुर्गंध निकलना शुरू हो जाता है। जिसके के कारण आसपास रहने वाले ग्रामीणों का आक्रोश अनावश्यक डेयरी को भुगतना पड़ता है।
इसके आसपास वाले इलाका भी मुसलाधार बारिश के कारण जलमग्न है। अब सूर्य देव की ही कृपा है कि धुप निकलने के बाद ही जलजमावकी समस्या दूर होगी।
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