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#मुजफ्फरपुर : करंट रिजर्वेशन के लिए रेलवे जंक्शन पर खुला काउंटर, जानिए यहां की व्यवस्था..

जंक्शन पर मंगलवार को यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए करंट रिजर्वेशन काउंटर शुरू कर दिया गया। यूटीएस के काउंटर संख्या 9 पर ट्रेन से आराम से सफर करने के लिए यात्री करंट रिजर्वेशन करवा सकते हैं। यह काउंटर 24 घंटे खुला रहेगा।

कर्मियों की शिफ्ट में ड्यूटी लगाई गई है। काउंटर को आरक्षण कार्यालय से जोड़ा जाएगा। ट्रेनों का आरक्षण चार्ट निकलने पर सीट खाली रहने पर यात्री को आराम से कंफर्म टिकट मिलेगा। जंक्शन से ट्रेन खुलने के निर्धारित समय से दस मिनट पहले तक टिकट बुक होगी। नई व्यवस्था से यात्रियों को ट्रेन में सीट के लिए टीटीई से आग्रह करने के झंझट से मुक्ति मिलेगी। उप स्टेशन अधीक्षक मनोज कुमार ने कहा कि यात्रियों की डिमांड पर करंट रिजर्वेशन काउंटर शुरू किया गया है। इससे यात्रियों को सुविधा मिलेगी।

 

हाजीपुर-बछवाड़ा रेलखंड दोहरीकरण के बाद मंगलवार को खंड के शाहपुर पटोरी-मोहिउद्दीनगर डाउन लाइन पर इंजन ट्रायल किया गया।  ट्रायल में 117 किमी की रफ्तार से इंजन को चलाया गया। संभावना है कि इसके बाद अब शीघ्र ही उस खंड पर ट्रेनें चलेंगी। 678.58 करोड़ रुपये की लागत से बछवाड़ा से हाजीपुर के बीच 72 किलोमीटर की दूरी में रेल ट्रैक दोहरीकरण की स्वीकृति वर्ष 2015-16 में मिली थी। इसका शिलान्यास 12 अप्रैल 2016 को तबके रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा के द्वारा किया गया था। 72 किलोमीटर के रेल ट्रैक दोहरीकरण कार्य के इस परियोजना में कुल 6 बड़े पुल एवं 29 छोटे पुलों का भी निर्माण किया जाना था। इसके अलावे इस रेलखंड के 38 मानव सहित व 15 मानव रहित समपार फाटक पर उपलब्ध सुविधाओं में भी विस्तार किया जाना था। इस परियोजना के पूरा होने पर बरौनी से हाजीपुर के बीच के 19 रेलवे स्टेशन के यात्रियों की सुविधा में बढ़ोतरी होगी।

 

30 से अधिक प्वाइंटों पर थीं तकनीकी खामियां 

सीआरएस इंस्पेक्शन में 30 से अधिक प्वाइंटों पर थीं तकनीकी खामियां दरअसल एक अप्रैल 2019 को भी विभाग द्वारा सीआरएस इंस्पेक्शन करवाया गया था। लेकिन कोलकाता से निरीक्षण के पहुंचे इस्टर्न सर्किल कोलकाता के कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी मो. लतीफ खान ने इस कार्य के दौरान 30 से अधिक प्वाइंटों पर तकनीकी खामियां पाई। जिसमें से रेल ट्रैक के टेढ़ा होने, प्लेटफॉर्म से रेेल ट्रैक की निर्धारित दूरी नहीं होने, एनएच 28 के ओवर ब्रिज के नीचे के पाया की दूरी रेल ट्रैक से समुचित नहीं होने जैसी कई तो बड़ी गड़बडिय़ां पाई गई। जिससे नाराज सीआरएस ने इस वर्क का फिट दिए जाने की बात तो दूर नाराज होकर वे उक्त रेल खंड पर स्पीड ट्रायल किए बगैर ही वापस लौट गए थे। इसके बाद रेल अधिकारियों के देखरेख में इन तमाम गड़बडिय़ों को सुधारा गया है।

 

(इस खबर को  मुजफ्फरपुर न्यूज़ टीम ने संपादित नहीं किया है. यह जागरण फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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