पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय (DGP Gupteshwar Pandey) ने सिपाही (Constable) से लेकर पुलिस के आला अधिकारियों (Police officers) से शासक के बजाए सेवक की भूमिका में काम करने की नसीहत दी है। डीजीपी गुरुवार को सरदार पटेल भवन स्थित पुलिस मुख्यालय में पुलिस मेडल वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने पुलिस कर्मियों को एटीट्यूट बदलने की घुट्टी पिलाई। कहा कि प्रशिक्षण निदेशालय पुलिस की छवि जनता के बीच कैसे सुधरे इस पर फोकस करें। प्रशिक्षण के स्वरूप में बदलाव कर इस दोष को दूर करें।
सेवा के लिए है पुलिस
बकौल गुप्तेश्वर पांडेय, पुलिस सेवा के लिए है। सरकार ने शासन करने की जिम्मेदारी नहीं दी है। शासन के रवैये से जनता के बीच पुलिस की छवि खराब हो रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस में सिपाही की नौकरी करने कोई करोड़पति मां-बाप का बेटा नहीं आता है।
सरकार तक की छवि हो जाती प्रभावित
उन्होंने कहा कि आम-गरीब घर के युवा ही सिपाही बनते है, लेकिन जब वह वर्दी पहन लेता है तो गरीब ठेले, रिक्शा वालों पर ही डंडा चलाने और धौंस जमाने लगता हैं। इस तरह का एटीट्यूट सिपाही ही नहीं, सीनियर आइपीएस तक में है। इसके कारण विभाग ही नहीं, सरकार तक की छवि प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि संसाधन की कमी नहीं है। थानों में जनता के साथ अच्छा व्यवहार करें तो बहुत कुछ बदल जाएगा। पुलिस वाले विचार करें कि फौजी की तरह उनका सम्मान क्यों नहीं हैं। इससे पूर्व डीजीपी ने पुलिस प्रशिक्षण कक्ष का उद्घाटन किया।
डीजी ट्रेनिंग को मेडल
उत्कृष्ट कार्यो के लिए प्रशिक्षण निदेशालय की ओर से 50 पुलिस कर्मियों को मेडल दिया गया। इस दौरान डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने अपने हाथ से डीजी ट्रेनिंग आलोक राज को मेडल पहनाया। आइजी ट्रेनिंग अनिल किशोर यादव के अलावा विभिन्न ट्रेनिंग सेंटर के डीएसपी से लेकर सिपाही स्तर के 48 पुलिसकर्मियों को मेडल दिया गया। समारोह में एडीजी मुख्यालय जितेंद्र कुमार, एडीजी सीआइडी विनय कुमार, एडीजी वायरलेस एके अंबेडकर, एडीजी रेल पंकज दराद, आइजी बजट पारसनाथ, आइजी मद्य निषेध अमृतराज, डीआइजी एसटीएफ विकास वैभव उपस्थित थे।
(इस खबर को मुजफ्फरपुर न्यूज़ टीम ने संपादित नहीं किया है. यह जागरण फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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