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एक विवाह ऐसा भी : शादी से 8 घंटे पहले अपं’ग हुई दुल्हन, दूल्हे ने अस्प’ताल में भरी मां’ग

PRAYAGRAJ : कहते हैं कि जो’ड़ियां इंसान नहीं ऊपर वाला बनाकर भेजता है। यही बात सा’बित हुई है आरती और अवधेश के वैवाहिक बं’धन में। यह विवाह फिल्‍म की कहानी नहीं है, हकीकत है। यहाँ कोई हीरो-हिरोइन नहीं है न ही असल फिल्‍म की शु’टिंग चल रही है लेकिन जो हुआ है वह किसी फिल्‍म की मा’निंद ही है । कहानी है उत्तर प्रदेश के जनपद प्रतापगढ़ के कुंडा इलाके की। वहॉं रहने वाली आरती मौर्य की शादी नजदीक के ही गांव के अवधेश के साथ तय हुई थी। 8 दिसंबर को बारात आनी थी। दोनों ही घरों में शहना’इयां बज रही थीं। परिवार के सदस्य और दूसरे मेहमान तैयार हो रहे थे, तभी दोपहर एक बजे के करीब एक छोटे बच्चे को ब’चाने के चक्कर में दूल्हन आरती का पैर फि’सल गया और वो छत से नीचे गि’र गई।

उसकी रीढ़ की ह’ड्डी पूरी तरह टू’ट गई। कमर और पैर समेत शरीर के दूसरे हिस्सों में भी चोट आई। पड़ोस के अस्प’तालों ने इलाज से हाथ खड़े कर दिए तो घर के लोग उसे प्रयागराज के एक निजी अस्प’ताल में ले आए। हा’दसे के बाद शादी वाले घर में कोह’राम मच गया। कुंडा के मुजहेडी गांव निवासी दुखीराम मौर्या की बड़ी बेटी आरती की शादी आठ दिसंबर को खलेसरगंज बाजार कुंडा से लगे श्रीपुर अरूहरिपुर गांव निवासी अवधेश मौर्य से तय थी।

इंटरमीडिएट उत्तीर्ण अवधेश नोएडा की कंपनी में काम करता है। दोपहर 12 बजे आरती घर में एक बच्चे को ब’चाने में छत से गि’र गई। उसे नजदीकी निजी अस्प’ताल ले जाया गया, जहां चिकि’त्सकों ने प्रयागराज रे’फर कर दिया। ए’क्सरे में दोनों पैर में फ्रै’क्चर और स्पा’इन में चो’ट की बात सामने आई। वर प’क्ष को यह वाकया पता चला तो अवधेश समेत कई बराती आरती के घर पहुंच गए।

अवधेश ने कहा कि वो इस हाल’त में भी न सिर्फ आरती को पत्नी के तौर पर अपनाएगा, बल्कि शादी भी उसी दिन तय वक्त पर ही होगी। अवधेश ने कहा भले उसे अस्प’ताल के बेड पर जाकर ऑक्सी’जन सपो’र्ट सि’स्टम के सहारे इला’ज करा रही आरती की मां’ग भ’रनी पड़े, लेकिन शादी नहीं ट’लेगी। वो पत्नी की से’वा करते हुए उसका सहारा और साथी बनकर उसके द’र्द को बां’टना चाहता है।

अवधेश की जिद पर डाक्टरों की टीम से परमीशन लेकर आरती को दो घंटे बाद एम्बु’लेंस से वापस घर लाया गया। उसे स्ट्रे’चर पर लिटाकर शादी की रस्में अ’दा की गईं। ऑक्सी’जन और ड्रिप लगी होने की सूरत में ही उसकी मां’ग भ’री गई। आम दुल्हनों की तरह आरती की भी वि’दाई हुई। ये अलग बात है कि ससुराल जाने के बजाय वो वापस अस्प’ताल लाई गई। अगले दिन होने वाले ऑप’रेशन के फार्म पर खुद अवधेश ने पति के तौर पर दस्त’खत किए।

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