एसएससी-सीएचएसएल स्किल टेस्ट की परीक्षा में गुरुवार को पकड़े गए सॉल्वर गैंग के नौ सदस्यों ने गिरफ्तारी के बाद पुलिस को अपने नाम और पते गलत बताए थे। शुक्रवार को न्यायालय में पेशी के दौरान विवेचक जब आरोपियों के बयान लेने लगे तो सभी का झूठ पकड़ा गया। गलत नाम और पता बताने पर पुलिस की तरफ से एक और धारा बढ़ा दी गई है। सभी नौ आरोपियों को शुक्रवार को न्यायालय में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया।
प्रीतम नगर स्थित ज्ञानोदय टेक्रिकल इंस्टीट्यूट में एसएससी-सीएचएसएल स्किल टेस्ट की परीक्षा के दौरान गुरुवार को पुलिस ने नौ फर्जी अभ्यर्थियों को गिरफ्तार कर लिया था। ये सभी आरोपी पैसे लेकर दूसरे की जगह परीक्षा दे रहे थे।
बिहार के रहने वाले हैं आरोपी-
आरोपियों में से एक प्रतापगढ़ और बाकी सभी बिहार के रहने वाले हैं। पुलिस ने आरोपियों से गुरुवार की रात गोरखधंधे को लेकर लंबी पूछताछ की। पता चला कि इनका नेटवर्क यूपी के विभिन्न जिलों से लेकर बिहार तक फै’ला हुआ है। परी’क्षा पास क’राने के लिए दो से पांच ला’ख रुपये तक लिए जाते हैं। पुलिस को पू’छताछ में ही गैंग के कुछ अन्य सद’स्यों के बारे में जान’कारी मिली है। प्रया’गराज में भी गैंग के सद’स्यों ने कई लोगों से सं’पर्क कि’या हुआ है। परी’क्षा देने के बाद ये उसी दिन बि’हार चले जाते हैं। इसके बाद गैंग के सद’स्य फोन से एक-दू’सरे के सं’पर्क में रहते हैं। प्र’भारी निरीक्षक धूमन’गंज अरुण कु’मार चतुर्वेदी ने ब’ताया कि आ’रोपियों ने गि’रफ्तारी के बाद अ’पने नाम और पते ग’लत बताए थे। फि’लहाल सभी को न्याया’लय में पेश करने के बाद जे’ल भेज दि’या गया है।
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