मधुबनी लोकसभा सीट पर मतदान की घड़ी करीब आ गई है। यहां मुख्य मुकाबला लगातार दूसरी बार संसद पहुंचने की दावेदारी कर रहे भाजपा उम्मीदवार अशोक यादव व दरभंगा से चार बार सांसद रहे राजद प्रत्याशी अली अशरफ फातमी के बीच दिख रहा है। यादवों व ब्राह्मणों की बहुलता वाली इस सीट पर पिछली बार लड़ाई एकतरफा थी। अशोक सूबे में सबसे बड़े अंतर से जीते थे। इस बार अशोक के सामने इसे दोहराने की कड़ी चुनौती दिख रही है।
दूसरी ओर, फातमी तीन बार यहां जीत रही भाजपा को मात देकर पासा पलटने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। कभी कम्युनिस्टों का गढ़ रहे मधुबनी में अशोक का चुनाव प्रचार मोदी पर केंद्रित दिखता है। उन्हें दो बार संसद में मधुबनी का नेतृत्व कर चुके बेहतरीन वक्ता पिता हुकुमदेव यादव की पकड़ और यादव मतदाताओं का भरोसा है। दूसरी ओर, फातमी की उम्मीद माय समीकरण है। वे 15 साल में कोई काम नहीं होने की बात कहते हुए एक ही परिवार की सत्ता खत्म करने की बात कह वोट मांग रहे हैं।
चुनाव से पहले जदयू में रहे फातमी को दरभंगा से टिकट की उम्मीद थी। वह सीट भाजपा के खाते में जाने पर वे राजद में आ गए। यहां से ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने भी उम्मीदवार उतारा है। पार्टी के प्रत्याशी वकार सिद्दिकी का दावा है कि उन्हें मुसलमानों का भारी समर्थन मिल रहा है। वे कहते हैं, चार विधानसभा क्षेत्रों बिस्फी, हरलाखी, जाले और केवटी में पचास प्रतिशत से अधिक मुसलमान मेरे साथ हैं। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए और लालू यादव की आरजेडी ने अपने अपने प्रत्याशियों की जीत के लिए मधुबनी में जमकर पसीना बहाया है। अमित शाह और तेजस्वी यादव ने यहां जनसभाएं भी की हैं।
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