पटना: बिहार में जब भी चुनाव आते हैं जंगलराज शब्द अक्सर चर्चा में आ जाता है। विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा चुनाव, लालू यादव एवं राबड़ी देवी के खिलाफ उनके विरोधी दल यह शब्द खूब इस्तेमाल करते हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर बीजेपी, जेडीयू समेत एनडीए के लगभग हर नेता के मुंह से यह शब्द अक्सर सुनने को मिल रहा है। करीब ढाई दशक पहले बिहार में लालू और राबड़ी देवी की सरकार के कार्यकाल की तुलना जंगलराज से की जाती है। कई लोगों के मन में सवाल है कि आखिर इस शब्द की बिहार की राजनीति में उत्पत्ति कैसे हुई। जगंलराज का ठप्पा आरजेडी की सरकार पर कैसे लगा और यह शब्द सियासी गलियारे में सबसे पहले कब चर्चा में आया।
जंगलराज शब्द का पहली बार इस्तेमाल पटना हाई कोर्ट ने किया था। बात साल 1997 की है। जब लालू यादव बिहार के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। उनपर चारा घोटाले के आरोप लगे तो कुर्सी जाने की नौबत आ गई। लालू ने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को सीएम की कुर्सी पर बैठाकर सबको चौंका दिया था। घर संभालने वालीं राबड़ी देवी के हाथ में अचानक पूरे बिहार की बागडोर आ गई।
उस दौरान सामाजिक कार्यकर्ता कृष्णा सहाय ने पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर की। इसमें उन्होंने पटना समेत पूरे बिहार में खराब हालात का जिक्र करते हुए अदालत से दखलअंदाजी की मांग की। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए 5 अगस्त 1997 को जस्टिस वीपी आनंद और जस्टिस धर्मपाल सिन्हा की बेंच ने टिप्पणी की। बेंच ने कहा कि बिहार में सरकार का नहीं बल्कि जंगलराज चल रहा है। कोर्ट के आदेश की पालना नहीं हो रही है। सत्ता की कमान भ्रष्ट अफसरों के हाथों में है।
हाई कोर्ट की यह टिप्पणी काफी चर्चा में रही और यहीं से जंगलराज का ठप्पा लालू और राबड़ी की सरकार पर लग गया। बीजेपी और समता पार्टी (बाद में यही जेडीयू बनी) के नेताओं ने लालू-राबड़ी की सरकार को घेरने के लिए जंगलराज को नारा बना लिया था। एनडीए के नेताओं का आरोप है कि लालू-राबड़ी राज में कानून का शासन नहीं था। आए दिन अपह’रण, लू’ट, फि’रौती, डकै’ती, ह’त्या जैसे गंभीर अ’पराध होते थे। दिन ढलने के बाद लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल पाते थे। यही जंगलराज था।
करीब ढाई दशक बीत जाने के बाद भी जंगलराज शब्द काफी चर्चा में है। खासकर चुनावी माहौल में बीजेपी और जेडीयू के नेता अपने शासन काल की तुलना जब आरजेडी के काल से करते हैं तो जंगलराज शब्द उनके मुंह से निकल ही जाता है। साल 2022 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी का साथ छोड़कर आरजेडी से हाथ मिला लिया था और बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी। तब भी बीजेपी ने कानून व्यवस्था के मुद्दे उठाते हुए आरोप लगाए कि बिहार में जंगलराज की वापसी हो रही है। हालांकि, नीतीश अब लालू-तेजस्वी का साथ छोड़कर फिर से एनडीए में लौट आए हैं। अब सीएम खुद अपने भाषणों में लालू-राबड़ी राज की तुलना अपने कार्यकाल से करते हुए आरजेडी पर निशाना साधते हुए नजर आ रहे हैं।
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