आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर मुजफ्फरपुर के मझौलिया स्थित संतोषकुटी निवासी महेश प्रसाद सिन्हा द्वारा यह बात उठाई गई हैं कि मतदान की सूचना के बाद ही आचार संहिता का दुरूपयोग किया जाता है। जहाँ उन्होंने बताया कि मतदान की सूचना के बाद ही देश में आचार संहिता का नाटक शुरू हो जाता है।
आचार संहिता के नाम पर प्रजातंत्र का मज़ाक बनाया जा रहा है। भारतीय जनता उस समय सकते में आ जाती हैं जब आचार संहिता के नाम पर देश में जरूरी काम काज ठप्प हो जाते है और विकास के काम रुक जाते है।
सचाई यह है कि आचार संहिता राजनीतिक दलों और नेताओं के लिए होती हैं। ऐसे में आचार संहिता लागू हो जाते ही देश में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए क्योंकि सरकार राजनीतिक दलों की होती है और वह भी आचार संहिता के अंतर्गत आ जाती है।
चुनाव के समाप्त होने और नये सरकार के गठन तक सांसदों को सिर्फ जीवन निर्वाह भत्ता मिलना चाहिए क्योंकि आचार संहिता के अंतर्गत सरकार अपने कार्यों का स्वतंत्र एवं निष्पक्ष निष्पादन नहीं कर सकते हैं तो देश की निधि का उपभोग देश के साथ धोखाधड़ी है। भारत जैसे बड़े प्रजातंत्र के लिए यह दुख की बात है।
जहां मेहश प्रसाद सिन्हा ने राष्ट्रपति को संज्ञान लेने का अनुरोध किया जिससे निष्पक्ष मतदान कराने की अपनी जिम्मेवारी का उचित निर्वहन उनके द्वारा किया जा सके। ऐसा भारतीय प्रबुद्ध जनता चाहती है कि भारतीय संविधान में भी उचित प्रावधान किया जाए।
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