पटना: बिहार की नई एनडीए सरकार का 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट है। जिसके लिए सभी दल अपनी-अपनी रणनीति बना रहे है। बिहार कांग्रेस ने तो अपने विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट कर दिया और अब 12 फरवरी को ही पटना पहुंचेंगे। वहीं बीजेपी ने भी अपने सभी विधायकों और विधानपार्षदों को लिए बोधगया में 10-11 फरवरी को प्रशिक्षिण शिविर का आयोजन किया है। और भाजपा के भी सभी विधायक सीधे सदन पहुंचेंगे। वहीं दूसर तरफ सीएम नीतीश कुमार की पार्टी ने भी विधानमंडल दल की बैठक 11 फरवरी को बुलाई है।
जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में यह बैठक बजट सत्र को लेकर बुलायी गयी है। मौके पर मुख्यमंत्री अपने विधायकों और विधान पार्षदों को बजट सत्र को लेकर दिशा-निर्देश जारी करेंगे। विधानमंडल दल की यह बैठक जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी के आवास पर होगी। मालूम हो कि 12 फरवरी से विधानमंडल का बजट सत्र शुरू हो रहा है। पहले ही दिन एनडीए सरकार को विश्वास मत हासिल करना है। उस पर भी चर्चा होगी।
आपको बता दें बिहार भाजपा की ओर से दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन 10 और 11 फरवरी को बोधगया में किया गया है। इसमें पार्टी के सभी विधायक और विधान पार्षद शामिल होंगे। 12 फरवरी को विश्वास मत के दौरान भाजपा विधायक सीधे पटना पहुंचेंगे। राजनीतिक हलकों में इसे भाजपा विधायकों को एकजुट रखने का प्रयास बताया जा रहा है। हालांकि भाजपा ने इस तरह बात को सिरे से खारिज किया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि बजट सत्र के पहले हर साल विधायकों के लिए इस तरह का प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जाता रहा है। प्रशिक्षण शिविर में विधायकों को बताया जाएगा कि सदन में जनहित के मुद्दे को कैसे उठाएं।
वहीं बिहार कांग्रेस के तो पूरे 19 विधायक हैदराबाद घूम रहे हैं। और अब 12 फरवरी को ही पटना लौटेंगे। विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट करने के सवाल पर बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद ने कहा कि तेलंगाना में नई सरकार के सीएम को बधाई देने के लिए हम सभी लोग यहां पहुंचे हैं। लेकिन सियासी गलियारों में चर्चा है कि पार्टी में टूट की आशंका के चलते कांग्रेस सभी विधायकों को हैदराबाद ले आई है।
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