पटना: बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की जेड प्लस सुरक्षा हटा दी है। तेजस्वी को अब राज्य सरकार के मंत्रियों को मिलने वाली सामान्य सुरक्षा मिलेगी जो बतौर नेता विपक्ष उन्हें पहले भी हासिल थी। विपक्ष के नेता को कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त होता है। अगस्त 2022 में महागठबंधन सरकार बनने के बाद सरकार ने तेजस्वी को जेड प्लस सुरक्षा देने का फैसला किया था। नीतीश की नई सरकार में चार दिन पहले डिप्टी सीएम बने बीजेपी नेता सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को जेड प्लस सुरक्षा मिल चुकी है। राज्य सरकार ने बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी को भी जेड सुरक्षा दी है जो कवर उन्हें केंद्र सरकार की तरफ से पहले से मिली है।
गृह विभाग की विशेष समिति ने 30 जनवरी को एक बैठक में राज्य के वीआईपी नेताओं की सुरक्षा और उन्हें संभावित खतरे की समीक्षा करने के बाद यह फैसला लिया है। इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया गया है। तेजस्वी को जब 2022 में जेड प्लस सुरक्षा देने का फैसला लिया गया था तब उन्हें बुलेट प्रूफ कार भी दी गई थी। नीतीश के साथ सबसे लंबे समय तक डिप्टी सीएम रहे सुशील मोदी ने तब कहा था कि वो 12 साल उप मुख्यमंत्री रहे लेकिन राज्य सरकार को ना उन्हें बुलेट प्रूफ गाड़ी देने की जरूरत महसूस हुई, ना जेड-प्लस सुरक्षा मुहैया कराने की।
बिहार में अग्निपथ विरोधी आंदोलन के दौरान बीजेपी नेताओं के आवास पर हमले के बाद केंद्र सरकार ने कई भाजपा नेताओं को केंद्रीय स्तर पर सुरक्षा प्रदान की थी। संजय जायसवाल, रेणु देवी, तारकिशोर प्रसाद, संजय सरावगी, हरिभूषण ठाकुर बचौल, सीएन गुप्ता, संजीव चौरसिया, अशोक अग्रवाल, दिलीप जायसवाल, विजय खेमका, गोपाल ठाकुर और प्रदीप सिंह को वाई कैटेगरी की सुरक्षा दी गई थी। केंद्रीय मंत्री के नाते गिरिराज सिंह, आरके सिंह, नित्यानंद राय और अश्विनी चौबे को पहले से ही सुरक्षा मिली हुई थी। इनके अलावा एनडीए के नेताओं में चिराग पासवान, पशुपति पारस, उपेंद्र कुशवाहा और संतोष सुमन को भी केंद्र से वाई से लेकर जेड स्तर की सुरक्षा मिली हुई है।
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