पटना: बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक अपने आदेशों के लेकर लगातार चर्चा में बने रहते हैं। लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों का वेतन रोकने का मामला हो या फिर स्कलों से बिना कारण बताए अनुपस्थित रहने पर छात्रों के नाम काटने का मामला हो, केके पाठक के आदेश हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं। इस बार केके पाठक के निशाने पर राज्यभर के विश्वविद्यालय और कॉलेज हैं। विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में अब दो ही बैँक खाता होंगे। एक खाता वेतन-पेंशन भुगतान के लिए और दूसरा खाता अन्य कार्यों के लिए। शिक्षा विभाग की ओर से सभी विश्वविद्यालय के कुलपतियों को निर्देश जारी कर दिया गया है।
आदेश के अनुसार बिना विभाग की अनुमति के अब नए बैंक खाते नहीं खोले जाएंगे। विश्वविद्यालय में 476 निष्क्रिय खाते, जिनकी जानकारी उन्हें भी नहीं, विश्वविद्यालयों में 2000 करोड़ की राशि विभिन्न खातों में पड़ी है। इन सभी को लेकर शिक्षा विभाग ने नराजगी व्यक्त की है। विभाग ने यह भी कहा है कि सामग्रियों की खरीद और निर्माण कार्य में वित्तीय नियमों का अनुपालन नहीं किया जा रहा है।इसके अलावा शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालय और कॉलेज में अभियंत्रण कोषांग का गठन करने का निर्देश दिया है। इसको लेकर विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को पत्र लिखा है। विभाग ने कहा है कि आउटसोर्सिंग के माध्यम से कोषांग में अभियंता रखे जाएंगे।
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