पटना: बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने विश्वविद्यालयों में परीक्षा परिणाम देरी से जारी किए जाने के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। शिक्षा विभाग ने बिहार के दो विश्वविद्यालयों के वीसी और प्रोवीसी समेत अन्य पदाधिकारियों का वेतन रोक दिया गया है। उनसे कहा गया है कि जब तक स्टूडेंट्स का लंबित रिजल्ट नहीं जारी होगा, तब तक उन्हें सैलरी नहीं मिलेगी। परीक्षा परिणाम समय पर जारी नहीं होने पर विभाग की ओर से यह कार्रवाई की गई है।
जानकारी के मुताबिक परीक्षाफल के प्रकाशन में विलंब होने को लेकर शिक्षा विभाग ने मगध विश्वविद्यालय बोधगया और जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा के कुलपति, प्रतिकुलपति, कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक, वित्त पदाधिकारी और वित्त मरामर्शी का वेतन बंद कर दिया है। विभाग ने मंगलवार को जारी आदेश में कहा है कि विलंबित परीक्षाओं के लंबित परीक्षाफल के प्रकाशन होने तक वेतन स्थगित रहेगा। विभाग ने कहा है कि रिजल्ट में लेटलतीफी से स्टूडेंट्स को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
विभागीय आदेश में कहा गया है कि मंगलवार को दोनों विश्वविद्यालयों की परीक्षा और परीक्षाफल के प्रकाशन की समीक्षा एसीएस सचिव केके पाठक ने की। उन्होंने पाया कि जेपी यूनिवर्सिटी छपरा में विशेषकर यूजी पार्ट थ्री (2020-23) का परीक्षाफल जनवरी, 2024, पीजी सेमेस्टर चार (सत्र 2020-22) का परीक्षाफल मार्च, 2024 में प्रकाशित करने की योजना बनाई गई है।
इसी तरह मगध यूनिवर्सिटी में पाया गया कि खास तौर पर यूजी पार्ट थ्री (2020-23) का परीक्षाफल जनवरी 2024 तथा पीजी सेमेस्टर पार्ट थ्री जनवरी 2020 तथा सेमेस्टर चार (2019-21) का परीक्षाफल फरवरी 2024 में प्रकाशित करने की योजना है। इस संबंध में विभाग के सचिव वैद्यनाथ यादव ने दोनों विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को पत्र लिखा है।
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