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भगवान के सोकर उठने की खुशी में मनाई जाती हैं देवउठनी एकादशी, गन्ने से होती है पूजा

धार्मिक मान्यता के अनुसार कार्तिक माह में आने वाला देवोत्थान एकादशी बहुत बड़ा महत्व है। हालांकि बिहार के कई हिस्सों में देवोत्थान एकादशी को जेठान पर्व के नाम से जाना जाता है. यह तुलसी विवाह के रूप में भी प्रचलित है। इस वर्ष देवोत्थान एकादशी 23 नवंबर, गुरुवार को यानी आज है।

devuthani ekadashi vrat and Shubh Vivah muhurat November - Devuthani ekadashi vrat :देवोत्थान एकादशी 23 को , 27 से लग्न शुरू , पंचांग-पुराण न्यूज

इस पर्व में भगवान विष्णु की ईख के साथ अन्य ऋतुफल से पूजा होती है। बाद में लोग इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं. धार्मिक मान्यता में कहा जाता है कि इस दिन पांच माह बाद जगत के पालनहार भगवान विष्णु योग निद्रा से जागेंगे और सृष्टि के पालन का कार्यभार संभालेंगे. पर्व के साथ ही समस्त मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे।

kartika maas, kartik month, deepawali 2019, dev uthani ekadashi 2019 | पवित्र नदी में स्नान और दीपदान का महीना है कार्तिक, 8 नवंबर को है देवउठनी एकादशी - Dainik Bhaskar

कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी मां लक्ष्मी और श्रीहरि विष्णु को प्रसन्न करने के लिए श्रेष्ठ दिन माना जाता है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और भगवान विष्णु के पूजन का विशेष महत्त्व है. दान-पुण्य करने से इसका महत्त्व और बढ़ जाता है।

ऐसा मानना है कि पूजा अर्चना करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. पूजा सामग्री में अनार, केला, सिंघाड़ा के साथ ईख आदि ऋतुफल श्री हरि विष्णु को अर्पण करने से उनकी कृपा सदैव बनी रहती है. जिसमे ईख का विशेष महत्व है. पूजन के बाद प्रसाद के रूप में लोग ईख का सेवन करते हैं।

 

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