पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पूर्व सांसद आनंद मोहन के सहरसा जिले स्थित पैतृक गांव में आमंत्रण पर आरजेडी और जेडीयू नेताओं में घमासान मचा हुआ है। अब इस पर खुद आनंद मोहन ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा कि गांधीजी से लेकर पूर्व पीएम वीपी सिंह, चंद्रशेखर और यहां तक कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव भी उनके घर आ चुके हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उनके घर आने पर क्यों बखेड़ा किया जा रहा है? इसके साथ ही आनंद मोहन ने जेडीयू में शामिल होने की अटकलों पर भी विराम लगाया है।
बिहार के बाहुबली नेताओं में शुमार आनंद मोहन को सहरसा कोर्ट से बुधवार को राहत मिली। जेल में फोन चलाने के आरोप में उन्हें बरी कर दिया गया। सहरसा कोर्ट के बाहर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नजदीकियों पर उनसे सवाल किया गया। इस पर आनंद मोहन ने कहा कि नीतीश कुमार पहली बार उनके घर नहीं आ रहे हैं। इससे पहले भी वे आ चुके हैं। यही नहीं, महात्मा गांधी, पूर्व पीएम चंद्रशेखर, वीपी सिंह भी आ चुके हैं। लालू यादव भी उनके यहां आ चुके हैं।
बता दें कि 27 अक्टूबर को सहरसा जिले में स्थित आनंद मोहन के पैतृक गांव में उनके पिता एवं स्वतंत्रता सेना रहे रामबहादुर सिंह की आदमकदम मूर्ति का अनावरण है। पूर्व सांसद ने इस कार्यक्रम में सीएम नीतीश कुमार को बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया है। हालांकि, अभी तक सीएम की ओर से इस कार्यक्रम में शामिल होने की सहमति नहीं दी गई है। मगर इस मुद्दे पर राजनीति जमकर हो रही है। आरजेडी और जेडीयू के नेता ही आपस में भिड़ गए हैं।
लालू यादव के करीबी नेता एवं आरजेडी एमएलसी सुनील कुमार सिंह ने पिछले दिनों फेसबुक पर पोस्ट कर सीएम नीतीश के इस कार्यक्रम में जाने पर आपत्ति जताई। सुनील सिंह ने कहा कि आरजेडी सांसद मनोज झा की जीभ खींचने की बात करने वाले के गांव में मुख्यमंत्री जा रहे हैं। यह रिश्ता क्या कहलाता है? दरअसल, पिछले महीने राज्यसभा के विशेष सत्र में मनोज झा ने ठाकुरों को लेकर सदन में एक कविता पढ़ी थी। इस पर बिहार में जमकर सियासी बवाल मचा। आनंद मोहन और उनके विधायक बेटे चेतन ने मनोज झा को खूब खरी-खोटी सुनाई।
दूसरी ओर, सुनील सिंह के फेसबुक पोस्ट का नीतीश कुमार की पार्टी से विरोध उठा है। जेडीयू महासचिव निखिल मंडल ने आरजेडी एमएलसी को अगलगौना करार दे दिया। पूर्व सांसद आनंद मोहन ने नीतीश के उनके गांव में आने पर विवाद छिड़ने पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार एक स्वतंत्रता सेनानी की मूर्ति का अनावरण करने आ रहे हैं। इस मूर्ति का शिलान्यास खुद लालू यादव ने किया था। इस पर राजनीति करना स्वतंत्रता सेनानी का अपमान है।
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