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एक महीने में तीसरी बार क्यों मिले नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव? राजनीतिक गलियारें में चर्चा शुरू

पटना:  बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को एक बार फिर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से मिलने पहुंचे. सोमवार शाम को अचानक नीतीश कुमार का काफिला राबड़ी आवास पहुंचा. वहां लालू प्रसाद यादव और और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुलाकात हुई. इस महीने में इन नेताओं की ये तीसरी मुलाकात है. इससे पहले 7 अक्टूबर को लालू यादव ने मुख्यमंत्री आवास जाकर नीतीश से मुलाकात की थी. वही 2 अक्टूबर को भी नीतीश कुमार राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से मिलने राबड़ी आवास पहुंचे थे. इस मुलाकात को लेकर राजनीतिक गलियारें में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं. बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव के बीच लोकसभा सीट के शेयरिंग का फार्मूला तय करने को लेकर चर्चा हुई है।

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नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव के बीच तीसरी मुलाकात पर बिहार बीजेपी ने तंज कसना शुरू कर दिया है. बीजेपी नेताओं का कहना है कि नीतीश कुमार को कुर्सी जाने का डर पैदा हो गया है, इसलिए बार-बार माथा टेकने लालू प्रसाद यादव के पास पहुंच रहे हैं और उनसे गुहार कर रहे हैं कि मेरा कुर्सी सिंहासन बचाए रखिएगा. मुख्यमंत्री बनाए रखिएगा. बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री रेणु देवी ने कहा, हमलोग भगवान के पास जाकर माथा टेकते हैं कि हमारे बिहार के लिए, समाज के लिए और परिवार के लिए सुख, शांति और समृद्धि दें लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लगता है कि उनका सिंहासन डोल गया है. इसलिए लालू प्रसाद यादव के आवास को ही वो मंदिर मान बैठे हैं. इसलिए बार-बार माथा टेकने जा रहे हैं. उनको डर है कि तेजस्वी यादव आ जाएंगे क्योंकि उनकी पार्टी की विधायकों की संख्या ज्यादा है और लालू प्रसाद  यादव सीएम तेजस्वी यादव को न बना दें.

रेणु देवी के इस बयान पर बिहार सरकार के मंत्री जमा खान ने कहा, बीजेपी से हम लोग बात नहीं करते हैं. हमारे नेता का संस्कार पूरा देश जानता है. हम लोग महागठबंधन परिवार के सदस्य हैं. हाल-चाल लेने सीएम वहां जाते हैं. बीजेपी के पेट में अधिक दर्द हो रहा है. 2024 में इनका सफाया हो जाएगा. बिहार सरकार के मंत्री ललित यादव ने कहा, लालू यादव जी और नीतीश कुमार दोनों पुराने नेता हैं. मिलना जुलना लगा रहता है. इसमें विशेष कोई तर्क लगाने की जरूरत नहीं है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कुर्सी जाने वाली नहीं है. वह जब तक चाहेंगे, बिहार के मुख्यमंत्री बने रह सकते हैं.

कांग्रेस विधायक प्रतिमा कुमारी ने कहा, लालू यादव जी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी दोनों जेपी आंदोलन से निकले हुए नेता हैं. दोनों का रिश्ता कई वर्षों से है. उस रिश्ते के नाते आना जाना होता है. बिहार की वर्तमान स्थिति और देश की वर्तमान स्थिति और 2024 के चुनाव को लेकर आपस में बात करने के लिए मुख्यमंत्री जाते रहते हैं. कुर्सी को कोई खतरा नहीं है. कांग्रेस और राजद के साथ कई पार्टियों ने मुख्यमंत्री को समर्थन दिया है।

 

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