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मंडी कानून लागू करें नहीं तो बिहार में होगा बड़ा आंदोलन; किसान नेता राकेश टिकैत

पटना: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता व किसान नेता राकेश टिकैत इन दिनों बिहार दौरे पर हैं। सोमवार को औरंगाबाद जिले के गांधी मैदान में एक जनसभा के दौरान राकेश टिकैत ने राज्य की नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला। टिकैत ने कहा कि एक्सप्रेस-वे प्रभावित 69 गांव के किसानों को मुआवज़ा दिलवाने के लिए बड़ा आंदोलन होगा। उन्होंने कहा कि बिहार के किसानों को मजदूर बनवाया जा रहा है। बिहार पर कंपनी राज की साज़िश है। उन्होंने कहा कि 2006 में मंडी क़ानून को समाप्त कर दिया गया। जब दिल्ली जैसी सरकार ने तीन काले कानून वापस लिए तो बिहार में मंडी कानून बहाल नहीं होगा? टिकैत ने कहा कि बिहार की धरती क्रांतिकारियों की धरती रही है, यहीं से आंदोलन की शुरुआत होगी। पटना तक आंदोलन आंदोलन, हाईवे पर ट्रैक्टर लगायेंगे।

After Delhi farmer leader Rakesh Tikait will now protest in Bihar warns  Nitish kumar government - राकेश टिकैत की नीतीश सरकार को चेतावनी, कहा- मंडी  कानून लागू करें वरना बिहार में होगा

किसान नेता ने कहा कि बिहार की धरती क्रांतिकारियों की धरती रही है। जयप्रकाश नारायण से लेकर अन्य लोगों ने क्रांति की है। टिकैत ने कहा कि बिहार के लोग सभी जगहों पर हैं लेकिन जो पढ़ लिख लिया, उसने बिहार को छोड़ दिया। बिहार में एक ओर जहां पढ़े लिखे लोग हैं और दूसरी तरफ केवल मजदूर हैं। 2006 में यहां मंडी कानून को समाप्त कर दिया गया। मंडी की जमीनों को बेच दिया और लीज पर दे दिया गया। उन्होंने कहा कि जब दिल्ली जैसी सरकार ने तीन काले कानून वापस लिए तो यहां मंडी कानून बहाल नहीं होगा। यहां एसकेएम की बड़ी बैठक यहां होगी और आंदोलन की रणनीति भी यहीं से बनेगी।

टिकैत ने कहा कि बिहार के किसानों को मुक्ति दिलाने का समय आ गया है। दिसंबर तक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंडी बहाल कानून लाये अन्यथा आपको पीएम का चेहरा नहीं बनने देंगे। किसानों को मुक्त करना होगा। उन्होंने कहा कि यहां के किसान पटना तक आंदोलन करेंगे। पहले ओईसीडी या डीएम को ज्ञापन देंगे। उसके बाद गांव के लोग सड़क पर निकल कर बैठ जाएंगे। फिर चिन्हित हाइवे पर ट्रैक्टर लेकर जाएंगे, जीटी रोड पर ट्रैक्टर लेकर उतरेंगे। टिकैत ने कहा कि जब देश की राजधानी 13 महीने तक घेरी जा सकती है तो यहां क्यों नहीं। सरकार के दान पत्र का इस्तेमाल छत्तीसगढ़ और आदिवासी की जमीन दान में दी जाती है। सड़क बनाने में हजारों सामान खरीदे जाते हैं, जिसके पैसे लगते हैं। किसानों की जमीन सस्ते भाव में कैसे ले लेंगे। भूमि अधिग्रहण के लिए मॉडल एक्ट बनाया जाए और डीएम जो अनुशंसा भेजेंगे उसी के अनुसार पैसा मिलेगा।

उन्होंने कहा कि जहां संघर्ष है, वहां मुआवजा मिलता है। सबसे ज्यादा पलायन बिहार से होता है। सोपोर सेब मंडी में लेबर बिहार के, महाराष्ट्र में बिहार के लेबर हैं। वह लेबर नहीं बिहार का किसान है। पहले बिहार को ठीक करेंगे। एक आंदोलन बिहार के नाम होगा। टिकैत ने कहा कि एक बैठक पटना में होगी। 40 लोग संगठन में है। मंडी बहाली और जमीनों की लूट पर रोक लगाना, एमएसपी कानून को लागू करने की मांग करेंगे। टिकैत ने कहा कि राज्य की सरकार केंद्र सरकार को पत्र लिखे। किसानों की लूट होगी और हम देखते रहेंगे, यह नहीं होगा। यहां के धान पंजाब और हरियाणा में वहां के किसान के नाम पर बेचते हैं। धान 8 और 10 रुपये वहीं चावल 80 रुपये नहीं बिकेगा। इसका लाभ किसानों को मिलना चाहिए।

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