वाशिंगटन :चीन और भारत के सैनिकों के लद्दाख की गलवान वैली के बीच हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए हैं। वहीं चीन ने उसकी तरफ से नुकसान की अधिकारिक पुष्टि नहीं की है।भारतीय एजेंसियों के मुताबिक चीन के 43 सैनिक मारे गए हैं,जबकि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है कि चीन के करीब 35 से ज्यादा सैनिक इस झड़प में हताहत हुए हैं।
भले ही चीन ने उसके नुकसान की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है लेकिन अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने भी माना है कि चीन का भारत से ज्यादा नुकसान हुआ है।
खुफिया एजेंसियों के मुताबिक इस झड़प में चीन के कम से कम 35 सैनिक हताहत हुए हैं। इनमें चीनी सेना का एक सीनियर अफसर भी शामिल है।
US News में छपी एक खबर के मुताबिक,सूत्रों ने बताया कि सोमवार देर शाम दोनों देशों की सेनाओं की टुकड़ियां गलवान घाटी में आमने-सामने सामने आ गई थी। इस हिंसा के बाद घाटी में ही दोनों सेनाओं हुई बैठक हुई है, जिस में शांति बनाए रखने पर सहमति बन गई है। इस बैठक के बाद दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट गई हैं।
इधर अब भारत ने आक्रामक रूप अख्तियार कर लिया है। सरकार ने भारतीय सेना को लद्दाख में सेना की मौजूदगी को लेकर खुली छूट दे दी है।सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार ने सेना को ‘इमरजेंसी पावर’ दे दी है। केंद्र ने सेना को कहा है कि वह मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए स्वयं फैसला ले सकते हैं। बता दें कि सोमवार रात एलएसी पर मौजूद गलवान घाटी में भारत और चीन के सीमा के खूनी संघर्ष हुआ, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे।
सेना के सूत्रों के अनुसार भारत की पूरी कोशिश है की सीमा पर डटे चीनी सैनिकों को भारतीय सेना की मजबूती का प्रदर्शन करें। यही ध्यान रखने में हुए सेना को ‘इमरजेंसी पावर’ दे दी गई है। सरकार ने मौजूदा परिस्थिति के अनुसार सीमा पर सैनिकों और हथियारों की मौजूदगी का पूरा अधिकार दे दिया है।माना जा रहा है कि सीमा पर सैनिकों की अधिक मौजूदगी के बाद ही बातचीत की मेज पर भारत का पलड़ा चीन के बराबर हो सकता है।
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