लोकसभा चुनाव 2024 में जाने से पहले मोदी सरकार बड़ा दांव चलने वाली है. जानकारी के मुताबिक, मोदी सरकार आज यानी सोमवार 19 सितंबर को महिला आरक्षण बिल संसद के सामने पेश कर सकती है. नई संसद में ये पहला बिल हो सकता है. ये ऐतिहासिक क्षण होगा, क्योंकि तकरीबन 27 साल से इसकी मांग हो रही थी. अब इस मुद्दे पर क्रेडिट लूटने की राजनीति शुरू हो चुकी है. बीजेपी जहां इस बिल को अपना मास्टर स्ट्रोक बताने में लगी है. वहीं कांग्रेस इस पर अपना अधिकार जता रही है। सोमवार (18 सितंबर) को पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में महिला आरक्षण बिल को मंजूरी मिल गई है. जानकारी के मुताबिक, कैबिनेट बैठक में लोकसभा और विधानसभाओं जैसी निर्वाचित संस्थाओं में 33 फीसदी महिला आरक्षण को मंजूरी दी गई. सरकार की तरफ से इसे लेकर अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन बीजेपी की महिला मोर्चा ने इस फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताकर एक तरह से इस खबर की पुष्टि कर दी है।
बीजेपी की महिला मोर्चा ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और बीएल संतोष के साथ-साथ अन्य कई नेताओं को टैग करके महिला आरक्षण बिल को मंजूरी देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के प्रति आभार जताते हुए कहा कि ‘मोदी है तो मुमकिन है’. बीजेपी की महिला मोर्चा ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से पोस्ट कर कहा कि महिला आरक्षण विधेयक को कैबिनेट की मंजूरी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने इतिहास रचा. हम भाजपा महिला मोर्चा अपना आभार व्यक्त करते हैं.
बीजेपी महिला मोर्चा ने हैशटैग के साथ ‘मोदी है तो मुमकिन है’ और ‘महिला आरक्षण बिल’ का भी जिक्र किया. वहीं कांग्रेस पार्टी ने इस बिल के लिए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को क्रेडिट दिया है. कांग्रेस के मुताबिक, सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी लगातार इस बिल को पास कराने की कोशिश करते रहे हैं. कांग्रेस नेताओं ने तो इसे अपनी जीत बताया है. कांग्रेस पार्टी ने कहा कि राहुल गांधी ने 2018 में ही कहा था कि सरकार महिला आरक्षण बिल लेकर कांग्रेस पार्टी पूरा समर्थन करेगी. कांग्रेस पार्टी की ओर से इस तरह की बयानबाजी से साफ है कि संसद में पार्टी इस बिल का समर्थन करेगी.
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