सावन के अंतिम सोमवारी पर आज विभिन्न शिवालयों में अहले सुबह से भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी है। इंडो नेपाल सीमा स्थित वाल्मीकि नगर के त्रिवेणी संगम तट से जलबोझी कर हजारों श्रद्धालु जिला के अलग-अलग शिवालयों में जलाभिषेक करने पहुंच रहे हैं। भीड़ को देखते हुए कुछ खास शिवालयों के पास प्रशासन और पुलिस बल की तैनाती भी की गई है।
सावन माह की आज अंतिम सोमवारी पर श्रद्धालुओं में भारी आस्था देखने को मिल रही है. इंडो नेपाल सीमा पर स्थित वाल्मीकि नगर से होकर गुजरने वाली नारायणी नदी पर रविवार से ही यूपी, बिहार और नेपाल के श्रद्धालुओं की जमघट लगी थी. भोले बाबा के भक्त नारायणी त्रिवेणी संगम से जलबोझी कर वाल्मीकिनगर के जटाशंकर और कमलेश्वर मंदिर में जलाभिषेक करने के बाद रामनगर के पौराणिक नर्मदेश्वर मंदिर और पूर्वी चंपारण जिला के अरेराज में स्थित सोमेश्वर मंदिर में जल चढ़ा रहे हैं।
रामनगर के अति प्राचीन नर्मदेश्वर नीलकंठ महादेव मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है. वहां के पुजारी के मुताबिक, अहले सुबह 4 बजे से ही जल चढ़ाने के लिए भक्त भारी संख्या में पहुंच रहे हैं. अब तक तकरीबन पचास हजार से ऊपर श्रद्धालु जलाभिषेक कर चुके हैं।
इस साल दो माह का था सावन
बता दें कि इस वर्ष दो माह का सावन रहा और कुल 8 सोमवारी पड़े. लेकिन अंतिम सोमवारी पर श्रद्धालुओं की आस्था देखते बन रही है. भक्त अपने निजी और भाड़ा के सवारियों से 70 किमी की दूर तय कर त्रिवेणी संगम से जल भरकर शिवालयों में जल चढ़ा रहे हैं और भगवान भोले से अपनी मन्नतें पूरी होने की फरियाद कर रहे हैं।
Be First to Comment