भागलपुर: बिहार की पहचान मधुबनी पेंटिंग के गठजोड़ से भागलपुरी दुपट्टा और ज्यादा खूबसूरत हो गया है। मधुबनी पेंटिंग से सुसज्जित यह भागलपुरी सिल्क दुपट्टा महिलाओं की खूबसूरती में चार चांद लगा रहा है। नतीजा यह है कि बिहार ही नहीं बल्कि देश-विदेश में इसकी काफी डिमांड हो रही है। दुपट्टे पर नेचुरल पेंटिंग से महिलाओं में इसका क्रेज बढ़ रहा है। इसके अलावा कई कार्यक्रमों या शादी समारोह में भी मधुबनी पेंटिंग वाली चादर से लोग अतिथियों का स्वागत कर रहे हैं।
भागलपुरी सिल्क से तैयार हो रहे दुपट्टा और चादर
दरअसल, मधुबनी पेंटिंग से लैस दुपट्टा देश-विदेश में रह रहे लोगों को काफी आकर्षित कर रहा है। इस कारण हाल-फिलहाल दुपट्टा व चादर की मांग बढ़ गयी है। दिल्ली, बेंगलुरू, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई, अहमदाबाद आदि महानगरों से बड़े पैमाने पर आॅर्डर मिला है। दुपट्टा व चादर सिल्क के कपड़े से तैयार हो रहा है। अधिकांश व्यवसायी कपड़ों में पेंटिंग कराने उसे मधुबनी भेज रहे हैं। जहां से जल्द ही कपड़ा भागलपुर पहुंच जायेगा। कुछ व्यवसायी ऐसे भी हैं जो कलाकारों को यहां बुलाकर कपड़ों में पेंटिंग करा रहे हैं।
खूबसूरत दिखने के साथ-साथ होता है कंफर्टेबल
लोदीपुर के बुनकर भोला प्रसाद ने बताया कि मधुबनी पेंटिंग वाली दुपट्टे की मांग खूब बढ़ गयी है। यह खूबसरत दिखने के साथ काफी कंफर्टेबल होता है। इसीलिए दुपट्टे के साथ-साथ चादर भी मधुबनी पेंटिंग से तैयार की जा रही है। इस कारण दाम भी अधिक होता है। चादर 1800 से 2000 तो दुपट्टा 1500 से 2000 रुपये तक में बिक रहा है। अब कोई भी कार्यक्रम व समारोह में अतिथियों का स्वागत भी मधुबनी पेंटिंग वाली चादर से किया जा रहा है। इस चादर को चाहने वाले लोग देश व विदेश में खूब हैं।
भागलपुर में कलाकारों को मिले ट्रेनिंग तो घटे कीमत
मधुबनी पेंटिंग का कलाकार भागलपुर में कम है। इस कारण मधुबनी के कलाकारों पर निर्भरता अधिक है। बिहार बुनकर कल्याण समिति के सदस्य अलीम अंसारी ने बताया कि यहां के व्यापारी साल में कम-से-कम दस करोड़ रुपये कलाकारों पर खर्च करता है। इस कारण कपड़ों की कीमत अधिक हो जाती है। सरकार को चाहिए कि भागलपुर के कलाकारों को उचित ट्रेनिंग दे, ताकि कपड़ों को तैयार करवाने के लिए मधुबनी पर निर्भर नहीं रहना पड़े। अगर कपड़ा यहां तैयार होने लगे तो इसकी कीमत में 25 से 40 प्रतिशत तक कमी आने की संभावना है।
नेचुरल लुक करता है आकर्षित
भागलपुरी सिल्क व दुपट्टा में जो मधुबनी पेंटिंग उकेरी जा रही है। उसका मकसद पर्यावरण संरक्षण का भी है। इसमें पेंटिंग प्राकृतिक के आधारित ही तैयार करवाया जाता है। कुछ में तो शादी-विवाह व पालकी पर दुल्हन के जाती हुए दिखाई जाती है। अलीम ने बताया कि नेचुरल लुक के कारण इसकी मांग काफी अधिक होती है।
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