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जिन्हें कलेजे से लगा पाला, जिंदा रहते उनका दा’ह सं’स्कार; क्या है बेटियों की नकली अंत्ये’ष्टि की कहानी?

बिहार: कहा जाता है कि बेटियां घर की रौनक होती हैं और माता-पिता के दिल के बेहद करीब भी होती हैं । बेटी के साथ कुछ भी होने का मतलब घर और परिवार की बदनामी । फिर जिसे कलेजे का टुकड़ा मानकर दिल लगाकर पाला था, उसी का  मां-बाप नकली दा’ह सं’स्कार कर रहे है। पूर्णिया जिले में पिछले एक सप्ताह में तीन ऐसे घट’नाक्रम हुए जहां बेटियों के जिंदा रहते माता पिता ने दा’ह सं’स्कार कर दिया। दरअसल इन बेटियों ने प्रेम प्रसंग घर से भागकर प्रेमी के साथ लव मैरिज कर ली। उसके बाद परिजनों ने अपनी ही लाडली बेटी का पुतला बनाकर नकली अं’तिम सं’स्कार किया।

ऐसी होती हैं ये बेटियां

केस एक- परिवार की इज्जत को मिट्टी में मिला दिया 

20 जून को धमदाहा में एक लड़की शादी से एक दिन पहले अपने प्रेमी के साथ भाग गई । जबकि उसकी शादी की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थी । हल्दी मेंहदी, का रस्म भी पूरा हो गया था । अगले दिन बारात आनेवाली थी । इससे पहले वह अपने प्रेमी के साथ भाग गई और शादी करके परिजनों को फोटो वीडियो भेज दिया। इस घ’टना से लड़की का भाई इस कदर नाराज हो गया कि उसने अपनी बहन के जिंदा रहते हुए ही उसका दाह संस्कार कर दिया।  जिंदा बेटी का अंतिम संस्कार करने वाले परिजनों ने बताया की युवती की शादी जल्द ही होनी थी लेकिन उसने पूरे परिवार की इज्जत को मिट्टी में मिला दिया।

केस दो- कपड़ों की अर्थी सजाकर विधि-विधान के साथ किया दाह संस्कार  

पूर्णिया के टीकापट्टी के रहने वाले इंटर की छात्रा की शादी उसके परिवार वालों ने तय कर दी थी।  शादी से पहले हल्दी मेंहदी का रस्म।   जिस दिन उसकी घरवालों की मर्जी से शादी होने वाली थी उस दिन ही प्रेमी से साथ शादी करके तस्वीर घरवालों को भेज दिया।  पिता ने कहा कि आर्थिक स्थिति खराब होने के बाद भी उसने अपनी बेटी को सबकुछ देने की कोशिश की, बीए तक पढ़ाया लेकिन वह मेरी इज्जत खराब कर चली गई ।जबकि भाई ने कहा कि वह हमारे लिए मर चुकी है ।भाई ने उसके कपड़ों की अर्थी सजाकर विधि विधान के साथ उसका दाह संस्कार कर दिया।

केस तीन- शोक पत्रिका छपवा कर मृ’त्यु भोज किया 

बायसी प्रखंड की लड़की अपने परिजनों की मर्जी के खिलाफ अपनी पसंद के युवक के साथ घर से भाग गई। इस पर परिजनों ने  थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने जब लड़की को ढूंढ कर परिजनों की मौजूदगी में उससे बात की, तो उसने अपने परिजनों को पहचानने से साफ इनकार कर दिया और अपने प्रेमी के साथ चली गई। तब से ही परिजनों ने यह कह दिया कि हमारी बेटी तो मर चुकी है और उन्होंने शोक संदेश भी छपवा दिया।  जिससे माता-पिता बहुत आहत हुए। इसी को लेकर उन्होंने यह शोक पत्रिका छपवा कर मृ’त्यु भोज रख दिया है।

केस चार  विधि – विधान से किया दा’ह’ सं’स्कार

बनमनखी में 27 जून को  प्रेमी संग युवती गई तो परिजनों ने उसका पुतला बनाकर नकली दा’ह सं’स्कार कर दिया। मसूरिया की युवती पूर्णिया में अपनी मां के साथ रहकर पढ़ाई करती है। इधर, उसकी शादी की बात फाइनल हुई थी। गत 27 जून को वह मां से कॉलेज जाने की बात कह कर निकली थी।  सात दिनों के बाद परिजनों को पता चला उसने एक युवक से शादी कर ली है। उसके बाद पांच जून को युवती के इस कृत्य से नाराज परिजनों ने उसका पुतला बनाया और हिन्दू धर्म की रीति के अनुसार कंधा देकर पुतले को श्मशान तक ले गए। जहां युवती के भाई ने विधि- विधान पूर्वक पुतले को मुखाग्नि देकर दाह संस्कार कर दिया।

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