उत्तर प्रदेश के विभु उपाध्याय ने NEET की परीक्षा 720 में 622 अंक हासिल किए हैं। उन्होंने अपने प्रदर्शन का श्रेय माँ गंगा की आराधना को दिया है। विभु अपना कोर्स पूरा करने के बाद MBBS डॉक्टर बनेंगे। विभु की इस सफलता से उनका पूरा परिवार भी प्रभुल्लित है। विभु उपाध्याय ने कहा है कि वो डॉक्टर बनने के बाद भी माँ गंगा की आरती करते रहेंगे, मैया की सेवा करते रहेंगे। ऐसा करने से उनके मन को शांति मिलती है।
विभु उपाध्याय के इस प्रदर्शन से उनके गाँव कछला में भी उत्साह का माहौल है। विभु ने कहा, “गंगा मैया ने मुझे लोगों की सेवा के लिए चुना है। मैं उन्हें कभी निराश नहीं करूँगा। उनकी कृपा से ही मैं आज इस मुकाम तक पहुँच पाया हूँ। मेरी कामयाबी के पीछे मेरे माता-पिता के वाला शिक्षकों का भी हाथ है। मैं अपने जिले के पूर्व डीएम डीके सिंह को भी धन्यवाद देता हूँ, 2019 में उन्होंने ही गंगा आरती कार्यक्रम की शुरुआत करवाई थी।”
विभु उपाध्याय का मानना है कि ऐसी पहल के कारण ही उनके जैसे युवा सनातन धर्म से जुड़ पाए। घाट पर जाकर आरती करना युवाओं को अच्छा लगने लगा। साथ ही उन्हें उनकी संस्कृति से भी जोड़ता था। विभु उपाध्याय ने गंगा माँ की आरती के दौरान पहने जाने वाले वस्त्र की भी तारीफ़ की। उन्होंने कहा कि उनका मन गंगा आरती के कारण केंद्रित रहता था और शांत रहता था। वो रोज एक घंटे आरती में अपना समय देते थे।
इसके बाद वो पढ़ाई में समय व्यतीत करते थे। वो पिछले 4 वर्षों से NEET की तैयारी कर रहे थे, अर्थात वो जब 9वीं कक्षा में थे तभी से। वो प्रतिदिन रात को 1 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक पढ़ाई करते थे। बीच में वो खेलकूद भी करते थे। 12वीं करने के बाद वो राजस्थान के कोटा कोचिंग के लिए चले गए। विभु की माँ सुनीता ने भी कहा कि गंगा मैया की कृपा से उनके बेटे को सफलता मिली है। पिता हरेंद्र ने भी कहा कि हमलोग ऐसे ही गंगा मैया की सेवा करते रहेंगे।
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