पटना: नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर विपक्षी एकता बनाने में लगे हैं। इधर महागठबंधन के सहयोगी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संस्थापक, संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार की टेंशन बढ़ा दी है। राजगीर में आयोजित राष्ट्रीय परिषद की बैठक में खुले मंच से जीतन राम मांझी ने जो बयान दिया है उसे लगता है कि मांझी का मूड नीतीश को लेकर बदल रहा है। पूर्व सीएम ने नीतीश कुमार पर कई आरोप लगाते हुए अपना पुराना वादा तोड़ने की चेतावनी दी है।
नालंदा में राष्ट्रीय परिषद की बैठक के बाद जीतन राम मांझी ने मीडिया को जिस तरीके से बयान दिया उससे लगता है कि माझी का मूड अब बदल रहा है। जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार के खिलाफ दबी जुबान में बगावत का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि नीतीश जी ने पहले ही मेरे साथ हकमारी की है। हम लोगों ने 2 सीट की मांग की थी लेकिन मंत्रिमंडल में एक ही सीट मिला। इससे हमारी पार्टी को बड़ा नुकसान हुआ है। कार्यकर्ता कह रहे हैं कि हम वादा तोड़ भी सकते हैं। जीतन राम मांझी ने कहा कि मैंने नीतीश कुमार के साथ रहने की कसम खाई है। लेकिन राजनीति में कोई कसम नहीं होती। कार्यकर्ता मंत्रिमंडल में 2 सीट की मांग कर रहे हैं। एक काटकर मंत्री पद मिलने से पार्टी को बहुत नुकसान हुआ है।
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर जी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक ने अपना फैसला सुना दिया। उन्होंने कहा कि लोकसभा में उनकी पार्टी को उचित प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। ऐसा नहीं हुआ तो पार्टी अकेले चुनाव लड़ने पर भी विचार कर सकती है। मांझी ने दावा किया कि उनकी पार्टी बिहार की सभी 40 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की ताकत रखती है। पार्टी के कार्यकर्ता इसके लिए तैयार हैं। उन्हें कहा कि लोकसभा चुनाव में उचित प्रतिनिधित्व मिलना ही चाहिए।
जीतन राम मांझी अपने बयानों से अक्सर नीतीश कुमार का टेंशन बढ़ाते रहते हैं। इससे पहले भी उन्होंने शराबबंदी को लेकर नीतीश कुमार के नीतियों का विरोध किया। मुख्यमंत्री पद के लिए भी उन्होंने अपने बेटे का नाम आगे करते हुए कहा कि जिन लोगों का नाम 2025 के लिए आगे बढ़ाया जा रहा है उनसे हमारा बेटा बहुत काबिल है। उन्होंने कहा कि संतोष पढ़े लिखे हैं और जिनका नाम लिया जा रहा है उनको(तेजस्वी यादव ) अभी कई बार पढ़ा सकते हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि दलित समाज को सीएम बनाने में उचित प्रतिनिधित्व अभी तक नहीं मिला। एक बार मौका मिला भी तो बीच में हटा दिया गया। इससे पहले जीतन राम मांझी ने भाजपा के अमित शाह से मुलाकात की थी। हालांकि, सरदारनी बढ़ने पर बाद में माउंटेन मैन दशरथ मांझी को भारत रत्न देने की मांग को लेकर मुलाकात करने की बात बता दी गई। इससे पहले भी पार्टी की गरीब संपर्क यात्रा के दौरान जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार के विरोध में बयान बाजी की।
नीतीश के करीबी और विश्वासपात्र सहयोगी कहे जाने वाले मांझी के इस बयान से बिहार की सियासत में नई तस्वीरें सामने आ सकती है। बीजेपी ने उनके बयान को लपक लिया है। पार्टी की ओर से कहा गया है कि जीतन राम मांझी का कहना बिल्कुल सत्य है।
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