पटना: पूर्ण शरा’बबंदी वाले बिहार मद्य निषेध के निममों में बड़ा बदलाव किया गया है इसका फायदा उन गाड़ियों के मालिकों को मिलेगा जिसमें शरा’ब लदी हुई मिलेगी। अब श’राब के साथ धरे गए वाहन के मालिक को जल्दीबाजी में अभियुक्त नहीं बनाया जाएगा। जांच और सत्यापन के बगैर वाहन मालिकों को आ’रोपी बनाने से विभाग को बचना है। मद्य निषेद विभाग को भी असहजता का सामना करना पड़ता है। ऐसे में मद्य निषेध विभाग ने निर्देश जारी किया है। इसमें शरा’ब के साथ धरे गए वाहन के मालिक को अब जांच के बाद ही अभियुक्त बनाया जाएगा।
पहले जांच कर लें
इसको लेकर मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के संयुक्त आयुक्त श्रीकृष्ण पासवान ने सभी सहायक आयुक्त मद्य निषेध और सभी अधीक्षक मद्य निषेध को पत्र भेजा है। इसमें संयुक्त आयुक्त ने कई बिंदुओं पर निर्देश जारी किया है। निर्देश में सभी जिलों के उत्पाद अधीक्षकों को कहा गया है कि शरा’ब के साथ पकड़ी गाड़ियों की जांच कर लें। उनके मालिकों तक पहुंचने और उनकी संलिप्तता सिद्ध करने की कोशिश करें। ऐसा नहीं करने से कई बार असहज स्थिति का सामना करना पड़ता है।
संयुक्त आयुक्त ने बताया कि अक्सर ऐसा देखा जाता है कि अ’वैध श’राब के परिवहन में पकड़े गए वाहनों के बगैर जांच एवं सत्यापन के ही उनके मालिक को अभियुक्त बना दिया जाता है। अभियोग दर्ज करने के बाद कार्रवाई शुरू की जाती है। छानबीन के बाद जानकारी मिलती है कि संबंधित वाहन मालिक द्वारा किसी अन्य को बेच दिया गया है। इसके अलावा कई केसों में ऐसे वाहनों के चोरी हो जाने की एफआईआर भी कराई रहती है।
60 से 70 फीसदी ऐसे मामले सामने आ रहे
वैसी स्थिति में विभाग को असहज स्थिति का सामना करना पड़ता है। 60 से 70 फीसदी ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। इसलिए निर्देश दिया गया है कि अवैध श’राब के परिवहन में पकड़े गए वाहनों की गहनता से छानबीन की जाए। उसके बाद ही वाहन मालिक के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाए। अधीक्षक मद्य निषेध संजय कुमार राय ने बताया कि विभाग की ओर से नया निर्देश जारी किया गया है। श’राब के साथ धरे गए वाहन के मालिक अब जांच के बाद ही अभियुक्त बनाए जाएंगे। विभाग के निर्देश पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
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