अगर कोई कहे कि चो’री हो गई अपनी गाड़ी को आप हजारों किलोमीटर दूरी से मोबाइल से बंद कर सकते हैं, तो भरोसा करना मुश्किल होगा। लेकिन बिहार के गया के एक 17 वर्षीय छात्र ने इसे सच कर दिखाया है। गया के वजीरगंज प्रखंड अंतर्गत कोबा गांव में रहने वाले विकी यादव ने एक ऐसी ही अनोखी मशीन बनाई है। इसके जरिए गाड़ी को मोबाइल से बंद किया जा सकता है। विकी यादव की खोज की जोर-शोर से चर्चा हो रही है।
आसानी से गाड़ी में फिट किया जा सकता है मशीन
बिहार में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। कभी तथागत अवतार तुलसी ने बाल्यकाल में उच्च शिक्षा की पढ़ाई पूरी कर दुनिया भर में बिहारी प्रतिभा का लोहा मनवाया था। विकी यादव ने 17 साल की उम्र में एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस तैयार किया है जिस पर हमारा बिहार नाज कर सकता है। इस मशीन को किसी गाड़ी में फिट कर दिया जाए तो अनजान व्यक्ति या चोर गाड़ी को नहीं ले जा सकता।
यह डिवाइस गाड़ी में आसानी से सेट हो सकता है। डिवाइस से कनेक्ट होने पर वाहन मालिक अपने मोबाइल से गाड़ी को ट्रैक कर उसे बंद कर सकता है। मजबूरी में चो’र को गाड़ी छोड़कर भागना पड़ेगा। बाइक के साथ-साथ कार में भी इसका उपयोग किया जा सकता है।
आग लग जाने पर बंद हो जाएगी गाड़ी
विकी यादव ने अपने डिवाइस का नाम रेयाभी रखा है। उसका कहना है कि इस इलेक्ट्रॉनिक मशीन को गाड़ियों के अलावा किसी भी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट में अटैच किया जा सकता है। डिवाइस के उपयोग से गाड़ी को चो’री के अलावे एक्सीडेंट, आ’ग लगना या ड्राइवर के सोने जैसी घटना’ओं से भी बचाया जा सकता है। विकी का मानना है कि इस डिवाइस से कनेक्ट होने पर इन परिस्थितियों में गाड़ी बंद हो जाएगी और दुर्घ’टना से बचा जा सकेगा।
खेसारी लाल के गाने से मिली प्रेरणा
विकी ने बताया कि उसने इस डिवाइस को बनाने की प्रेरणा भोजपुरी सिंगर खेसारी लाल यादव के एक गाने से लिया। एक बार वह खेसारी लाल को सुन रहा था। गाने में मोबाइल के रिंगटोन और वाइब्रेट जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया। बचपन से ही खोजी रुचि वाले विकी को ‘वाइब्रेट’ शब्द टच कर गया और उसने वाइब्रेशन आधारित डिवाइस बनाने की ठान ली।
जीपीएस से एडवांस है
विकी बताते हैं कि इस डिवाइस के बनाने में मोबाइल के दो सिम कार्ड, मोटर, रिले, बैटरी, एलडीआर, सेंसर और रेसिस्टेंट का इस्तेमाल किया गया है । यह डिवाइस जीपीएस प्रणाली से एडवांस है। क्योंकि इसमें ना सिर्फ गाड़ी को लोकेट किया जा सकता है बल्कि उसे ऑफ-ऑन भी किया जा सकता है। गाड़ी की चाभी ऑन रहने की स्थिति में भी वाहन मालिक मोबाइल से अपनी गाड़ी को हजारों किलोमीटर दूर से बंद कर सकते हैं। इतना ही नहीं ऑपरेशन के दौरान वाहन मालिक के मोबाइल पर रिटर्निंग फोन भी आता है जिसमें गाड़ी के लोकेशन की जानकारी मिल जाती है।
पुलिस को मिलेगी राहत
विकी को डिवाइस को बनाने में मात्र 2000 का खर्च आया। उसका कहना है कि सरकार के स्तर पर अगर और प्रचार दिया जाए तो गाड़ी चोरी की घटनाओं पर बहुत हद तक लगाम लगाया जा सकता है। इस डिवाइस का उपयोग किया जाए तो पुलिस को भी बहुत राहत मिलेगी। विकी की अनोखी मशीन कितनी दूरी तय कर पाएगी, उसकी खोज को सरकार की स्वीकृति मिलेगी या नहीं, यह तो भविष्य की बात है। मगर, इन दिनों मशीन बनाकर विकी हीरो बना हुआ है।
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