पटना हाईकोर्ट ने 11 वर्षीय बच्ची से दुष्क’र्म के दो’षी को दी गई फां’सी की सजा को उम्रकै’द में बदल दिया। न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार सिंह तथा न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद की खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई के बाद 48 पन्ने का आदेश दिया।
कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले में आंशिक संशोधन करते हुए प्रिंसिपल को दी गई फां’सी की सजा को उम्र कैद में बदल दिया। वहीं, शिक्षक को मिली उम्रकैद की सजा को निरस्त कर दिया।
पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाली 11 वर्षीय छात्रा के साथ फुलवारीशरीफ के न्यू सेंट्रल पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल अरविंद कुमार उर्फ राज सिंघानिया ने स्कूल के शिक्षक अभिषेक कुमार के सहयोग से राइटिंग चेकिंग के नाम पर बुलाकर दुष्क’र्म करता था। जिसके बाद बच्ची गर्भवती हो गई और पीएमसीएच के डॉक्टरों के सहयोग से उसका ग’र्भपात कराया गया।
गौरतलब है कि फुलवारीशरीफ के महिला थाने में 19 सितम्बर 2018 को इस घट’ना को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पुलिस ने मामले की तहकीकात कर प्रिंसिपल और शिक्षक को दो’षी मान उनके खिलाफ आरो’प पत्र दायर किया।
गवाही तथा उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर पॉस्को कोर्ट ने प्रिंसिपल को फां’सी और शिक्षक को उम्रकै’द की सजा दी। निचली अदालत से मिली सजा की वैधता को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।
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