बेहिसाब कमाई को लेकर विशेष निगरानी इकाई की जद में आए पूर्णिया के एसपी दया शंकर ने पटना के अपने फ्लैट की साज-सज्जा पर पानी की तरह पैसा बहाया। बेडरूम और हॉल की सजावट के साथ-साथ बाथरूम और किचन (रसोई घर) तक में लाखों रुपए खर्च किए। छापेमारी के दौरान दानापुर बिस्कुट फैक्ट्री के पास विंसम इम्पायर के फ्लैट डी-201 व 203 सजावट पर खर्च के जुड़े कागजात से चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
पूर्णिया एसपी और उनके करीबी पुलिस अधिकारियों और बिल्डर के ठिकाने पर छा’पेमारी से जुड़े आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विंसम इम्पायर के दो फ्लैट को मिलाकर एक फ्लैट बनाया गया। एक फ्लैट एसपी दया शंकर और उनकी पत्नी के नाम पर है जबकि दूसरे के लिए उनके एक रिश्तेदार के नाम पर एग्रिमेंट हुआ है। फ्लैट के बाथरूम और लाइट पर 9.50 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। वहीं रसोईघर को चमकाने के लिए 9.60 लाख रुपए खर्च किए गए हैं।
लकड़ी का काम भी अच्छा खासा एसवीयू की टीम द्वारा विंसम इम्पायर के फ्लैट की तलाशी में फ्लैट की अंदरूनी सजावट पर खर्च से जुड़े कामजात मिले थे। उसमें 67 लाख रुपए का हिसाब-किताब लिखा था। सूत्रों के मुताबिक उक्त फ्लैट में बाथरूम और किचन के अलावा लकड़ी के काम पर भी मोटी रकम खर्च की गई है। 21 लाख रुपए का खर्च लड़की से जुड़े काम पर किया गया है। वहीं दीवार आदि पर डिजाइन बनाने में भी 3 लाख रुपए लगे हैं।
गाड़ियां और पेपर मिले पर नाम किसी और का छापेमारी के वक्त अधिकारियों को उनके घर से जीप कम्पॉस और इनोवा गाड़ी के ओरिजनल पेपर भी मिले हैं। दोनों गाड़ियां भी अपार्टमेंट के पार्किंग भी लगी थी पर उनके मालिक दूसरे लोग हैं। एक गाड़ी शेखपुरा के एक फर्म से जुड़ी है तो दूसरे का मालिक एक फिटनेस सेंटर से जुड़े व्यक्ति बताए जाते हैं। अधिकारी इस बात को लेकर हैरान हैं कि जब गाड़ियां दूसरे के नाम पर है तो उसके ओरिजनल पेपर वहां कैसे मिले।
ब्लूटूथ से जलती-बुझती हैं बत्तियां
विंसम इम्पायर फ्लैट में सिर्फ साज-सज्जा का ही ख्याल नहीं रखा गया था, एशोआराम के लिए महंगे सामान भी लगाए गए थे। बताया जाता है कि फ्लैट में लगी बत्तियां ब्लूटूथ से ही जलती और बूझती थीं। वहीं घर में काफी महंगा टीवी भी लगा है, जिसकी कीमत 2.30 लाख रुपये बतायी जाती है।
कभी भी हो सकते हैं निलंबित
आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज होने व छापेमारी के बाद एसपी पर प्रशासनिक कार्रवाई की तलवार भी लटक गई है। माना जा रहा है कि जल्द ही उन्हें निलंबित किया जा सकता है और विभागीय कार्रवाई भी शुरू की जाएगी।
ऐसा होने पर उनकी मुश्किलें और भी बढ़ेंगी।
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