बिहार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने एक बार फिर अपने ही विभाग का कच्चा चिट्ठा उजागर किया। उन्होंने कहा कि विभाग के अधिकारी भ्र’ष्ट हैं, उन्हें जल्द सुधारा जाएगा। बिहार का कृषि विभाग पहले से ही बिगड़ा हुआ है। रविवार को कैमूर के भगवानपुर में आयोजित किसान गोष्ठी में अपने विभाग पिछली एनडीए सरकार के कार्यकलाप पर कृषि मंत्री ने सवाल उठाए।
गोष्ठी में किसानों ने उनसे कहा कि उन्हें सरकारी दर पर खाद नहीं मिल रही है। उन्हें उनकी उपज की उचित कीमत भी नहीं मिल पाती है। सरकार के समर्थन मूल्य का लाभ बिचौलिए ले लेते हैं। इसमें विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत रहती है। उन्होंने कहा कि किसान मेरा मोबाइल नंबर लिख लें। अगर अधिकारी उन्हें परेशान करते हैं, तो मुझे फोन कर बताएं, जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
उपचारित बीज मिलेगा
इससे पहले 11 सितंबर को कैमूर जिले के ही चांद में आयोजित अभिनंदन समारोह में कृषि मंत्री ने कहा था कि विभाग के सभी लोग चोर हैं। यदि वह चोर हैं, तो मैं उनका सरदार हूं। इसको लेकर भी सरकार की किरकिरी हुई थी।
हालांकि मंत्री ने किसानों को आश्वास्त किया कि उन्हें उनकी उपज की उचित कीमत मिलेगी। इसके लिए मंडी स्थापित की जाएगी, जहां अपनी उपज की कीमत किसान तय करेंगे। मछली, फल, सब्जी, अनाज की मंडी खुलने से किसान आर्थिक रूप से समृद्ध होंगे।
उन्होंने कहा कि मंत्री बने सवा माह हुआ है। मैं किसान का बेटा हूं। किसान की हर समस्या से अवगत हूं। मैं डिजिटल खेती के विस्तार के लिए एप तैयार करवा रहा हूं, जिसके माध्यम से किसानों को यह जानकारी मिलेगी कि किस दुकान पर कितनी खाद है और सरकार उन्हें कौन-कौन सी सुविधाएं दे रही है। ड्रोन के जरिए फसल पर दवा का छिड़काव करने की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। इससे किसानों की सेहत भी प्रभावित नहीं होंगे और दवा भी ज्यादा खर्च नहीं होगी।
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