मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल में ह’त्या के आरो’प में बंद एक बंदी की मौ’त इलाज के क्रम में एसकेएमसीएच में हो गई। मृ’तक सरैया थाना के गंगोलिया का संजीव दास (26) था। वह पिछले दो महीने से सेंट्रल जेल में बंद था। उसकी मौ’त के बाद पिता प्रदीप दास समेत अन्य परिजन ने इलाज में लापर’वाही बरतने का आरो’प लगाया है। कहा कि उसके पेट में दर्द हो रहा था। पता नहीं जेल में उसके साथ कैसा बर्ता’व किया गया था। उन्होंने कहा की संजीव को बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया गया था।
लेकिन, जेल के अधिकारियों की लाप’रवाही के कारण उसे पटना नहीं ले जाया जा सका। इस कारण उसकी मौ’त हो गई। हॉस्पिटल में भी उसे बेहतर इलाज नहीं मिल रहा था। वह लगातार उल्टियां कर रहा था। लेकिन, जब वे लोग अस्पताल कर्मी को बोलने गए तो किसी ने संज्ञान नहीं लिया। उल्टी करते करते उसने दम तोड दिया।
बताया गया की संजीव पिछले दो महीने से जेल में बंद था। अचानक से उसकी तबीयत बिगड़ने लगी तो पहले उसे जेल के अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिर वहां से बेहतर इलाज के लिए एसकेएमसीएच भेजा गया।
परिजन को इसकी जानकारी मंगलवार को हुई। वे लोग पहले सदर अस्पताल गए। वहां नहीं मिला तब एसकेएमसीएच पहुंचे। यहां पहुंचने पर देखा की संजीव की हालत बहुत खराब हैं। उसका इलाज भी ठीक से नहीं हो रहा था।
SKMCH से जब डॉक्टर ने उसे रेफर कर दिया तो जेल प्रशासन ने आदेश जारी करने में देरी कर दी। इस कारण उसकी मौत हुई। वहीं इस मामले पर जेल अधीक्षक बृजेश कुमार मेहता का कहना है की बंदी को बुखार और सांस फूलने की शिकायत पर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। जेल प्रशासन पर लगाए गए आरोप पूरी तरह निराधार है।
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