बिहार के सारण जिले में करीब 45 साल के बाद एक परिवार में बेटी का जन्म हुआ तो परिजन खुशी के मारे झूम उठे। अस्पताल से नवजात बच्ची और उसकी मां को लेने के लिए दुल्हन की तरह सजी डोली लेकर पहुंचे और ढोल-ताशे बजाते हुए दोनों को घर लेकर आए।
एकमा ब्लॉक रोड निवासी धीरज गुप्ता ने बताया कि उनकी पत्नी को तीन साल के बेटे के बाद यह बेटी पैदा हुई है। इसके लिए हम सभी ने भगवान से मन्नतें भी मांगी थी, लिहाजा इसके पैदा होने से पूरे परिवार में खुशी का ठिकाना नहीं है।
इतना ही नहीं परिजन बेटी होने की खुशी में ढोल-ताशा बजवाते डोली के साथ नाचते- गाते जश्न मनाते हुए भी घर तक पहुंचे। इस परिवार में 45 साल तक के इंतजार के बाद बेटी पैदा हुई है।
परिवार वालों का बेटी होने पर इस तरह प्रकट की गई खुशी समाज में उनलोगों के लिए मिसाल बन गई है जो आज भी बेटी को बोझ मान उसके पैदा होने पर दु:खी होते हैं।
जहां आज भी समाज में कई ऐसे लोग हैं जो गर्भ में बेटी होने की जानकारी होने पर भ्रूण हत्या करवाने से लेकर उसे बोझ समझ पैदा होने के बाद उसे फेंक भी आते हैं। हालांकि समय तेजी से बदल रहा है व बेटियां हर क्षेत्र में अपनी काबिलियत साबित कर समाज केअपने प्रति पुरानी सोच को बदलने में कामयाब साबित हो रही हैं।
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