मनरेगा घो’टाले में जेल में बंद सस्पेंडेड IAS पूजा सिंघल की बेटी आयुषी पुरवार ने CBSE के 12वीं की परीक्षा में 97.6% अंक हासिल किया है। जब वह परीक्षा देने के लिए निकल रही थी तब घर में ED की रेड चल रही थी। बावजूद इसके उन्होंने घबराए बिना परीक्षा दिया। दृढ़ निश्चय और तैयारी ऐसी कि 6 मई को जिस समाजशास्त्र की परीक्षा दी उसमें उसे 100% मार्क्स हासिल हुए। इसके अलावा आयुषी ने अंग्रेजी, इतिहास, अर्थशास्त्र और राजनीतिक विज्ञान में 96 फीसदी अंक हासिल किए।
रिजल्ट आने के बाद आयुषी ने बताया कि वो सबसे ज्यादा मां को मिस कर रही हैं। वो उनका सपोर्ट सिस्टम हैं। हर कामयाबी में वो उनके साथ रहती थीं। आज भी वो अपना रिजल्ट सबसे पहले बताना चाहती थीं लेकिन ऐसा संभव नहीं था। पिता अभिषेक झा ने कहा कि बेटी हमारे लिए प्रेरणास्रोत है।
मां और पिता ED ऑफिस और बेटी परीक्षा देने
एक बेटी और स्टूडेंट्स दोनों के रूप में यह सबसे मुश्किल परीक्षा की घड़ी थी। एक तरफ उसके माता-पिता पर भ्र’ष्टाचार और गब’न के आ’रोप लग रहे थे। देश भर में उनके भ्रष्टाचार की कहानियां बताई जा रही थी। ED रोज उनसे पूछताछ कर रही थी। दूसरी तरफ उसका करियर था। आयुषी ने परीक्षा नहीं छोड़ा ED की जांच से निकल कर समय पर वो सभी परीक्षाओं में शामिल हुई।
मां के अरे’स्ट होने के बाद भी नहीं डिगा आत्मविश्वास
आयुषी कहती हैं कि पहले दिन तो किसी ने कुछ नहीं पूछा। दूसरी परीक्षा तक सभी को पता चल गया था। इसके बाद लोग सवाल पूछ-पूछ कर परेशान करने लगे थे। परिस्थितियां मुश्किल होने लगी थी। इस बीच 24 मई को पूजा सिंघल को अरेस्ट भी कर लिया गया। लेकिन इन सब को नजरअंदाज कर अपनी परीक्षा में जुटी रही। इस बीच उन्हें पहले की तैयारियों का लाभ मिला।
परिवार के साथ ED का भी मिला सहयोग
आयुषी ने बताया कि परीक्षा के दौरान ED के अफसरों का भी खूब सहयोग मिला। उन्होंने न कभी मेरी पढ़ाई को डिस्टर्ब की और न ही कभी परीक्षा देने से रोका। उन्होंने बताया कि तैयारी के लिए एक अलग कमरा दिया गया था। वहां कभी कोई नहीं आए। कभी कुछ पूछताछ नहीं की गई।
मां की तरह IAS बनना चाहती हैं आयुषी
आयुषी ने बताया कि वो अपनी मां की तरह ही IAS बनना चाहती हैं। फिलहाल उन्होंने दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु के कॉलेजों में पॉलिटिकल साइंस और साइकोलॉजी से ऑनर्स के लिए अप्लाई किया है और अपना पूरा फोकस इसी पर रखना चाहती हैं। पूजा सिंघल भी अपनी पढ़ाई हमेशा अव्वल रहीं हैं।
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