मुजफ्फरपुर : शहर में पानी का लेयर 37 फीट तक जाना गंभी’र चिं’ता का विषय है। सामान्य तौर पर 20 से 25 फीट तक लेयर रहता है। पानी को बचाना होगा। पिछले 20 दिनों में जिस तरह पानी का लेयर तीन से चार फीट गिरा है, वह ख’तरे की घंटी है। मई में और ज्यादा परेशानी बढ़ने की आशंका हैं।
अप्रैल में ही शहर में जलसंक’ट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। बूढ़ी गंडक नदी इलाके में भी मोटर पंप पानी उगलने में हां’फ रहे हैं। कई इलाके में तो चापाकल पानी भी छोड़ने लगे हैं। शहर के अखाड़ाघाट व शुक्ला रोड में जिस तरह से पानी का लेयर गिर रहा है, वह खतरे की घंटी है। आने वाले समय में अगर बारिश नहीं हुई तो शहर का जलस्तर और तेजी से गिरेगा।
नगर निगम ने शहर में जलसं’कट को देखते हुए जलस्तर की मापी कराई है। जिसमें महज 20 दिनों में शहर के कई इलाके में 3 से 4 फीट तक लेयर गिरने की बात सामने आई है। मिठनपुरा, पीएनटी, भगवानपुर, दाउदपुर कोठी इलाके में स्थिति थोड़ी राहत भरी है। लेकिन, नगर निगम के बाकी 80% मोटर पंप का लेयर औसत लेयर से 10 से 12 तक नीचे गिर गया है।
मिठनपुरा निवासी का कहना है कि निगम की पाइपलाइन से पानी नहीं मिल रहा है। दिन भर पानी की किल्लत बनी रहती है। शुक्ला रोड के निवासी बताते हैं कि रमजान के समय में इलाके में पानी की किल्लत पैदा हो गई है। सिकंदरपुर प्रभात जर्दा फैक्ट्री रोड,अखाड़ाघाट, सिकंदरपुर व काली मंदिर इन सभी इलाके में पानी का लेयर गिरने से पानी सं’कट हो गया है। स्थानीय वार्ड पार्षद रतन शर्मा व सुनीता भारती का कहना है कि लगातार पानी संक’ट पैदा हो गया है।
अखाड़ाघाट पंप हाउस में गड़ब’ड़ी की वजह से इलाके में पानी को लेकर हाहा’कार मच गया है। बुधवार की शाम सिकंदरपुर स्थित राणी सती मंदिर समेत कई स्थानों पर टैंकर से पानी पहुंचाया गया। निगम प्रशासन का दावा है कि पंप का फॉल्ट दूर कर लिया गया है।शहर में 4 दिनों से यही स्थिति है। गर्मी में भी निगम प्रशासन पानी सं’कट काे गंभीरता से नहीं लेता है।
यह सम’स्या अखाड़ाघाट इलाके में ही नहीं है। प्रभात जर्दा फैक्ट्री से लेकर सिकंदरपुर राणी सती मंदिर तक यही स्थिति है। नगर निगम की ओर से मंगलवार को भी टैंकर भेजा गया था। इससे लोगों को थाेड़ी राहत मिली। गर्मी में पानी को लेकर नगर निगम को सजग होना होगा। गरीबों की बस्ती में बहुत कम के पास सबमरसेबल है।
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