भागलपुर और गोपालगंज में अवै’ध पटा’खा फैक्ट्रि’यों में धमा’के के बाद बिहार पुलिस की खु’फिया विं’ग के कान खड़े हो गए हैं। विशेष शाखा ने आशंका जताई है कि अवै’ध रूप से चल रहीं पटा’खा फैक्ट्रियों का फायदा पाकिस्तान समर्थित आ’तंकी सं’गठन उठा सकते हैं। पटा’खा फैक्ट्रियों के पास मौजूद विस्फो’टकों और इसके विशेषज्ञों का इस्तेमाल कर बड़ी घट’नाओं को अंजा’म दिया जा सकता है।
विशेष शाखा ने ऐसी आशंका जताते हुए सभी जिलों की पुलिस को अ’लर्ट किया तथा पटा’खा फैक्ट’रियों की निग’रानी बढ़ाने के निर्देश दिए। मिली जानकारी के मुताबिक, विशेष शाखा ने भागलपुर और गोपालगंज की घट’ना का जिक्र करते हुए कहा कि अवै’ध प’टाखा फै’क्ट्री का फायदा अपरा’धियों के साथ-साथ देश विरो’धी त’त्व भी उठा सकते हैं। ऐसी घट’नाओं को अंजा’म दिया जा सकता है, जिससे जा’नमाल को काफी नुक’सान हो।
अल’र्ट में कहा गया है कि पाक समर्थित आ’तंकी सं’गठन पहले से स्थानीय स’प्लाई चैनल और नेट’वर्क तैयार करने में लगे हैं, जिससे आतं’की वार’दातों को अं’जाम दिया जा सके। राज्य में आतं’की संगठ’नों के स्ली’पर सेल और उनकी गतिविधियां, बोधगया और पटना के गांधी मैदान ब्ला’स्ट समेत अन्य घट’नाओं में पहले भी सामने आ चुकी है। विशेष शाखा ने अवै’ध पटा’खा फैक्ट्रि’यों के खि’लाफ राज्यभर में अभियान चलाने को कहा है। पटा’खा फैक्ट्रियों को चिह्नित करने, इसमें शामिल व्यक्तियों और उनके नेट”वर्क का पता लगाने के साथ पटा’खा बनाने में इस्तेमाल हो रहे विस्फो’टक सामग्री और उसकी सप्ला’ई चेन पर कार्रवाई के लिए लिखा है। ताकि इस अवै’ध धं’धे पर रो’क लगाई जा सकते और देश विरो’धी तत्वों’ के मंसू’बे ध्व’स्त किए जा सकें।
भागलपुर के तातारपुर अवै’ध पटा’खा फैक्ट्री में 3 मार्च को हुए धमा’के में 15 लोगों की जा’न गई थी। वहीं गोपालगंज के फुलवरिया में 9 मार्च को हुए धमा’के में एक व्यक्ति की जा’न चली गई। सप्ताहभर में दो अवै’ध पटा’खा फै’क्ट्री में धमा’के ने बिहार पुलिस की चिं’ता बढ़ा दी है। इसकी वजह पटा’खा बनाने के लिए सोडियम नाइट्रेट, सल्फर और ग’न पाउ’डर आदि का इस्तेमाल है। इससे बड़े और धा’तक ब’म भी बनाए जा सकते हैं, लिहा’जा इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि अप’राधी त’त्व और आतं’की इसका फाय’दा नहीं उठा सकते।
पटा’खा का निर्माण बगै’र ला’इसेंस के नहीं किया जा सकता। जानकार बताते हैं कि कई जगह इसके निर्माण के लिए लाइ’सेंस लिए जाते हैं। यह लाइसें’स कुछ महीनों के लिए होता है, पर अ’वधि बीतने के बावजूद चो’री-छु’पे पटा’खे का निर्माण जारी रहता है।
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