ओमप्रकाश दीपक
मुजफ्फरपुर। हर घर को मिले शुद्ध पानी। वह भी कैसे मिले। काम होगा तब ही तो मिलेगा शुद्ध पेयजल। साल बीत गये मात्र एक वार्ड में हो सका काम। 48 वार्ड में काम अब तक नहीं हो सका पूरा। सौभाविक है कि शहरवासियों को पानी के लिए तरसते रहेंगे। हर वार्ड में 80 लाख रुपये से लेकर 1 करोड़ रुपये के बीच शुद्ध पेयजल के लिए नगर निगम खर्च कर रही है। इसके लिए वर्ष 19-20 एवं वर्ष 20-21 में कई फेज में टेंडर भी हो गये।
हर हाल में छह माह के अंदर योजना का काम पूरा कर लेने का लक्ष्य भी रखा गया। लेकिन काम मात्र एक वार्ड में ही पूरा हो सका। और तो और पूर्व मेयर के वार्ड नम्बर एक में अभी तक काम शुरू तक नहीं हुआ। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है किस गति से काम हो रहा है। अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत पूरी तरह चरितार्थ हो रहा है। मुख्यमंत्री के योजना को भी अनदेखी किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत शहर के 49 वार्डों में नलजल योजना बनाना है। जिसमें वार्ड के हरेक मुहल्ला में पाइप लाइन बिछाना है। पानी जमा करने के छोटे-छोटे चार जलमीनार तैयार करना है। इसी जलमीनार के माध्यम से 24 घंटे घरों में जल की आपूर्ति करना है। इसके एवज में 80 लाख रुपये से लेकर 1 करोड़ रुपये तक स्टीमेट तैयार किया गया। शहर के मात्र 42 नम्बर वार्ड में ही नलजल योजना तैयार हो सका है।
शहर के कुछ वार्डों में पानी देने के लिए पाइप लाइन बिछाया जा रहा है। लेकिन पानी कब मिलेगा। यह पता नहीं चल रहा है। कुछ लोग कह रहे कि अभी बरसात का समय रहने से काम पूरा करने में बाधा उत्पन्न हो रहा है। शहर के कई इलाकों में जलजमाव की घोर संकट है। जब तक पानी नहीं हटेगा तो काम कैसे पूरा होगा। बरसात समाप्त होने के बाद काम पूरा हो जायेगा।
पूर्व मेयर सुरेश कुमार से जब संवाददाता ने पूछा कि आपके कार्यकाल में नलजल योजना का स्टीमेंट तैयार किया गया। बावजूद इसके काम मात्र एक जगह पूरा हो सका। इसपर उन्होंने बताया कि कार्यकाल में मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत शहर के 49 वार्डों में नलजल योजना का स्टीमेंट तैयार किया था।
इसके लिए वर्ष 19-20 एवं वर्ष 20-21 में टेंडर भी हो गया। इसे हर हाल में योजना को छह माह के अंदर पूरा कर लेना था। काम पूरा करना अधिकारी के जिम्मे है। जब नगर आयुक्त से जब उनका पक्ष जानने के लिए सवा एक बजे एवं डेढ़ बजे दोपहर में मोबाइल नम्बर 7488552120 पर रिंग किया गया तो रिंग होता रहा लेकिन नहीं उठाये। उधर नगर निगम के कर्मचारी बताते है कि अभी तक टेंडर वाले 70 प्रतिशत काम हो गया है। बाकी काम बरसात के बाद पूरा हो जायेगा।
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