माघ पूर्णिमा पर होनेवाली भीड़ को नियंत्रित करने और जान माल के होनेवाले नुकसान से बचने के लिए अनुमंडल दंडाधिकारी पूर्वी अमित कुमार ने बूढ़ी गंडक में नावों के परिचालन पर 12 फरवरी तक रोक लगा दी है। इसको लेकर सोमवार की देर शाम उन्होंने डीएम सुब्रत कुमार सेन के आदेश पर निर्देश जारी किया।
इसमें उन्होंने माघ पूर्णिमा को लेकर जिले के पूर्वी हिस्से में नदियों के घाटों और तालाबों पर भारी भीड़ के जुटने की संभावना जताई है। साथ ही इस भीड़ के कारण किसी भी तरह की आपदा से निपटने के लिए एहतियान नावों के परिचालन को प्रतिबंधित करने की बात कही।
आदेश में कहा गया कि शहर के सिकंदरपुर घाट, आश्रम घाट, चंदवारा घाट, लकड़ीढाई घाट, अखाड़ा घाट, आथर घाट सहित बूढ़ी गंडक नदी के अन्य घाटों पर मेले जैसा नजारा होता है। इसमें कतिपय निजी नाविक कमाने के उद्देश्य से बिना किसी सुरक्षा उपाय के नावों का परिचालन करते हैं। ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इसे रोकने के लिए ही नावों के परिचालन पर 10 फरवरी की शाम 5 बजे से 12 फरवरी की रात 12 बजे तक नावों के परिचालन पर पूरी तरह से रोक रहेगी। केवल सुरक्षा कार्य में लगाए गए नावों को ही परिचालन की अनुमित दी गई है।
एसडीएम ने बताया कि इसके लिए सभी संबंधित सीओ को घाटों पर सुरक्षा उपाय करते हुए बांस बल्ली से घेराबंदी करने को कहा गया है। साथ ही खतरनाक स्थिति को दिखाने के लिए लाल झंडे लगाने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, लोगों से गहरे पानी में नहीं जाने की अपील की गई है।
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