फरवरी के महीने में पड़ने वाली पहली एकादशी को विजया व जया एकादशी के नाम से जाना जाएगा। विजया एवं जया एकादशी माघ मास के कृष्ण व शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनायी जाएगी। पंचांग के अनुसार, फरवरी में एकादशी व्रत 8 व 24 तारीख को रखा जाएगा। इस दिन पूरे विधि-विधान से विष्णु भगवान की आराधना की जाती है। प्रभु को प्रसन्न करने के लिए ये दिन बहुत ही खास और महत्वपूर्ण माने जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विजया एवं जया एकादशी का व्रत रखने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।
फरवरी में कब रखा जाएगा एकादशी का व्रत?
- एकादशी तिथि प्रारम्भ – फरवरी 07, 2025 को 09:26 पी एम
- एकादशी तिथि समाप्त – फरवरी 08, 2025 को 08:15 पी एम
- 9 फरवरी को, पारण (व्रत तोड़ने का) समय – 07:04 ए एम से 09:17 ए एम
- पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय – 07:25 पी एम
- एकादशी तिथि प्रारम्भ – फरवरी 23, 2025 को 1:55 पी एम
- एकादशी तिथि समाप्त – फरवरी 24, 2025 को 1:44 पी एम
- 25 फरवरी को, पारण (व्रत तोड़ने का) समय – 06:50 ए एम से 09:08 ए एम
- पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय – 12:47 पी एम
एकादशी पूजा-विधि
- स्नान आदि कर मंदिर की साफ सफाई करें
- भगवान श्री हरि विष्णु का जलाभिषेक करे
- प्रभु का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें
- अब प्रभु को पीला चंदन और पीले पुष्प अर्पित करें
- मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें
- संभव हो तो व्रत रखें और व्रत लेने का संकल्प करें
- एकादशी की व्रत कथा का पाठ करें
- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें
- पूरी श्रद्धा के साथ भगवान श्री हरि विष्णु और लक्ष्मी जी की आरती करें
- प्रभु को तुलसी दल सहित भोग लगाएं
- अंत में क्षमा प्रार्थना करें
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